वन विभाग ने किया आगाह: वन्यजीवों को घर में नहीं रखें
राजस्थान में आगामी दो अक्टूबर से वन्यजीव सप्ताह मनाया जायेगा। आठ अक्टूबर तक चलने वन्यजीव सप्ताह के दौरान सप्ताह भर प्रकृति प्रेमियो एवं स्कूल-कोलेज के विद्यार्थियो हेतु कई तरह के आयोजन एवं प्रतियोगिताएं संपादित करवाई जाएगी।;
उदयपुर । राजस्थान में आगामी दो अक्टूबर से वन्यजीव सप्ताह मनाया जायेगा। आठ अक्टूबर तक चलने वन्यजीव सप्ताह के दौरान सप्ताह भर प्रकृति प्रेमियो एवं स्कूल-कोलेज के विद्यार्थियो हेतु कई तरह के आयोजन एवं प्रतियोगिताएं संपादित करवाई जाएगी।
वन्यजीव सप्ताह के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य निरीह वन्यजीवो के प्रति सहानुभूति के साथ वन्यजीवो के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु चेतना उत्पन्न करना है। इसके तहत वन पिभाग की ओर से आमजन को आगाह किया गया है कि वन्यजीवों को घर में नहीं रखे।
मुख्य वन संरक्षक आर.के.जैन ने बताया कि उदयपुर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में कई लोग अज्ञानतावश शेड्यूल वन्यजीव कछुआ (स्टार टोरटोइज) एवं तोते (पेरट्स) आदि अपने घरो में पाल रहे है जिससे ये महत्वपूर्ण वन्यजीव कैद का जीवन जी ही रहे है। ऐसे लोगों द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के प्रावधानो का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन किया जा रहा है जिसमें 3 वर्ष से 7 वर्ष तक की कैद का प्रावधान निहित है।
इस संबंध में वन विभाग ने वन्यजीव प्रेमियों से आह्वान किया है कि जिस किसी ने भी अपने घरो में किसी भी शेड्यूल वन्यजीव यथा बन्दर, कछुआ, विभिन्न प्रकार के तोते आदि पाल या कैद कर रखा है, वे इन्हे 7 दिवस की अवधि में सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क में आवश्यक रूप से सौपना सुनिश्चित करें अन्यथा अवधि बीत जाने पर सर्वे करवाया जाएगा और तब यदि किसी भी घर में कोई वन्यजीव पाला हुआ प्राप्त होता है तो उस व्यक्ति के विरूद्व वन अपराध दर्ज किया जाकर उसके विरूद्व नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जावेगी।