कई होटलों में हो रहा सेहत के साथ खिलवाड़
सालों से कुछ होटलो व ठेलो में ग्राहकों को नास्ता परोसा जा रहा है। ग्राहक भी इस बिना रोक टोक के खाते रहे है...;
अखबारों में परोसा जा रहा नास्ता, प्रतिबंध का नहीं हो रहा असर
धमतरी। सालों से कुछ होटलो व ठेलो में ग्राहकों को नास्ता परोसा जा रहा है। ग्राहक भी इस बिना रोक टोक के खाते रहे है। लेकिन जांच में पाया गया कि अखबारी कागजों में खाद्य पदार्थो का सेवन सेहत के लिये हानिकारक हो सकता है। इससे कई तरह के बिमारियों की चपेट में आ सकते इसे बाद खाद्य व औषधि प्रशासन द्वारा होटलो में अखबारो में नास्ता परोसने पर बैन लगाया है। लेकिन बैन का असर नहीं हो रहा। आज भी कई होटलो व ठेलो में खुलेआस खाद्य पदार्थो को अखबारों में परोसा जा रहा है।
ज्ञात हो कि होटलो में नास्ता प्लेट में ही देना होता है। लेकिन असुविधा व मेहनत से बचने होटल संचालकों द्वारा आसान व सस्ता रास्ता अखबार को निकाला है। होटलो में प्लेट में नास्ता परोसने पर प्लेट को धोने के लिये अलग मजदूर लगाना पड़ता है। साथ ही पर्याप्त पानी सफाई के लिये व्यवस्था करनी पड़ती है। इसके अतिरिक्त कुछ ग्राहक प्लेट में नास्ते के बाद हाथ धो देते है। जिससे गंदगी का आलम हो जाता है।
इसलिये होटल संचालक अखबार में नास्ता देते जिससे नास्ते के बाद वेस्ट पेपर को सीधे डस्टबीन में डाल दिया जाता है। जिससे आसानी हो जाती है, लेकिन अपनी सुविधा देखने के कारण होटल संचालक ग्राहकों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे है। प्रतिबंध का पालन नहीं होने से लोगो की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। क्योंकि जांच में स्पष्ट हुआ है कि अखबारी कागज में कई केमिकल होते है जो नास्ते के साथ शरीर के अंदर चले जाते है। जिससे सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
प्रतिबंध सिर्फ कागजो पर
खाद्य व औषधि प्रशासन विभाग द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन प्रतिबंध सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया है। न जांच होती है न ही कार्रवाई। इसलिए कई होटल संचालक व ठेलो में आज भी नास्ता के साथ केमिकल भी खा रहे है। जो कि उनकी सेहत बिगाड़ सकती है।