उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद की चार सीटों पर भाजपा के 5 मंत्रियों की दावेदारी

 उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद की चार सीटों के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद उप्र की सियासत में पावर गेम शुरू हो गया है;

Update: 2017-08-25 10:42 GMT

लखनऊ।  उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद की चार सीटों के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद उप्र की सियासत में पावर गेम शुरू हो गया है। भाजपा के पास इतनी संख्या है कि वह चारों सीटों पर अपने उम्मीदवारों को जितवा सकती है लेकिन भाजपा सूत्र बता रहे हैं कि किसी एक मंत्री का पत्ता साफ होना लगभग तय है। 

इन चार सीटों पर बीजेपी की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है लेकिन योगी सरकार पर नजर डालें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्रियों सहित कुल पांच मंत्री इन चार सीटों के दावेदार दिखाई दे रहे हैं।

जिन चार विधानपरिषद सीटों के लिए 15 सितंबर को मतदान होगा, उनमें बुक्कल नवाब, यशवंत, डॉ. सरोजिनी अग्रवाल, अशोक बाजपेयी के इस्तीफे से खाली हुई सीटें शामिल हैं। ये चारों सपा के नेता अब भाजपा का दामन थाम चुके हैं। 

योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सांसद हैं। वहीं उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, स्वतंत्र देव और मोहसिन रजा किसी भी सदन का हिस्सा नहीं है।

सरकार ने डॉ. दिनेश शर्मा को विधान परिषद में नेता बनाकर उनके इस सीट को लेकर दावेदारी पहले ही मजबूत कर दी है। वहीं केशव मौर्य को लेकर यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें केंद्र में भेजा जा सकता है। लेकिन पिछले दिनों ही उन्होंने खुद इस खबर का खंडन कर दिया था। केशव इस समय प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।

गौरतलब है कि 19 सितंबर को सरकार के गठन को छह महीने पूरे हो जाएंगे। इन सभी नेताओं को किसी न किसी सदन का हिस्सा होना जरूरी है। 

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, स्वतंत्र देव और मोहसिन रजा में से किसी एक का पत्ता साफ होने की उम्मीद है। 

कयास लग रहे हैं कि केशव मौर्य उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं और सांसद के तौर पर प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी निभा सकते हैं। 

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