एमएसएमई को लेकर पहले गडकरी-सीतारमण विवाद सुलझे: चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है किकैबिनेट मंत्री गडकरी का कहना है कि सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों पर एमएसएमई का पांच लाख करोड़ रुपये बकाया;

Update: 2020-05-15 12:43 GMT

नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्योगों (एमएसएमई) की सेहत में सुधार के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करने वाली सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों नितिन गडकरी और निर्मला सीतारमण को पहले इन उद्योगों को लेकर उनके बीच छिड़े विवाद को सुलझाना चाहिए।

 चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा "कैबिनेट मंत्री गडकरी का कहना है कि सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों पर एमएसएमई का पांच लाख करोड़ रुपये बकाया है। कैबिनेट मंत्री सीतारमण का कहना है कि वह एमएसएमई (45 लाख की संख्या) को तीन लाख करोड़ रुपये का जमानत मुक्त ऋण देगी।"

मंत्री गडकरी का कहना है कि सरकारों और सार्वजनिक उपक्रमों के ऊपर MSMEs का 5 लाख करोड़ रुपये बकाया है।

मंत्री सीतारमण का कहना है कि वह MSMEs (45 लाख की संख्या) को 3 लाख करोड़ रुपये का बिना जमानत ऋण देगी।

तो, ऋणदाता कौन है और उधारकर्ता कौन है?

— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 15, 2020

उन्होंने कहा कि असलियत क्या है। इनमें ऋणदाता कौन है और उधारकर्ता कौन है। दोनों मंत्रियों को इस विवाद का निपटारा करना चाहिए और एमएसएमई को सरकार की मदद के बिना खुद अपने बचाव का उपाय करने देना चाहिए।

कया पहले दोनों मंत्री अपने खातों का निपटान करेंगे और MSMEs को सरकार की 'मदद' के बिना खुद को बचाने देंगे?

— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 15, 2020

 

Full View

Tags:    

Similar News