विधायकों के खिलाफ एफआईआर: आप ने उठाए दिल्ली पुलिस पर सवाल

आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों के खिलाफ हुई एफआईआर को पार्टी के नेता गलत तरीके से दर्ज की गई बता रहे हैं;

Update: 2017-07-08 00:27 GMT

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों के खिलाफ हुई एफआईआर को पार्टी के नेता गलत तरीके से दर्ज की गई बता रहे हैं। एक महिला ने यह आरोप लगाया था कि विधानसभा परिसर में आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों ने उसके साथ छेड़छाड़ की है और इसी कथित मामले में दिल्ली पुलिस ने यह गैरकानूनी मुकदमा दर्ज़ किया है।

पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि विधानसभा परिसर में हुई किसी भी कथित घटना के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बिना किसी भी तरह का मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता और दिल्ली पुलिस ने जीएनसीटीडी एक्ट 1991 की धारा 18 के खिलाफजाते हुए विधानसभा के तीन सदस्यों के खिलाफगैरकानूनी तरीके से मुकदमा दर्ज़ किया है।

उन्होंने कहा कि महिला को विधानसभा परिसर में नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय तक जाने की अनुमति थी जबकि वह विधानसभा सदन तक पहुंच गई।

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस पूरे मामले में बेनकाब हो गई है, क्योंकि पिछले साल जून के महीने में रामलीला मैदान में एमसीडी के तीनों सदनों के एक साझा मॉक सत्र में बीजेपी पार्षदों ने आम आदमी पार्टी के पार्षद राकेश कुमार के साथ मारपीट की थी और इसमें पुलिस ने अपनी सहूलियत के हिसाब से भाजपा पार्षदों के खिलाफएफआईआर दर्ज करने से यह कहते हुए मना कर दिया था कि चूँकि यह नगर निगम के सदन का मामला है तो बिना मेयर की अनुमति के पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं कर सकती। रामलीला मैदान के मॉक सत्र को सदन के रूप में दिल्ली पुलिस कैसे ले सकती है?

उन्होंने सवाल उठाया कि विधानसभा की इस कथित घटना के संदर्भ में उस महिला ने कब दिल्ली पुलिस को शिकायत दर्ज़ कराई। पुलिस महिला को मेडिकल जांच के लिए विधानसभा से दूर स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ही क्यों लेकर गई। क्या दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से पहले किसी तरह की शुरुआती जांच.पड़ताल की थी।

विधानसभा में अनाधिकृत तौर पर प्रवेश पाने वाली महिला जिसके साथ छेड़छाड़ हुई हो वो अपने घर जाने के बाद अगले ही दिन दोबारा उसी जगह पर आती है और घटना के 24 घंटे के बाद पुलिस के पास शिकायत दर्ज़ कराने पहुंचती है क्या ये संभव है। जीएनसीटीडी एक्ट की धारा 18 में साफ है कि दिल्ली विधानसभा को विशेषाधिकार के मामले में ठीक वही अधिकार प्राप्त हैं जो देश की संसद को प्राप्त हैं। पुलिस के पास एफआईआर दर्ज करने के दो नियम कैसे हो सकते हैं।

 

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