सस्पेंस और थ्रिलर से भरपूर है फिल्म ‘मर्दानी-2’
रानी मुख़र्जी एक ऐसी अदाकारा है जिसने अपने आपको हर किरदार में साबित किया है और पिछले कई वर्षो से वो डिफरेंट सब्जेक्ट को तवज्जो दे रही है। इस सप्ताह रिलीज़ फिल्म 'मर्दानी 2';
पिछले कई वर्षों से हमारे देश में महिलाओं पर इस तरह के अपराध हो रहे है जिसे सुनकर हर इंसान की रूह काँप जाएगी। अबसे 20 साल पहले की बात करे तो एक आग जली थी दहेज़ प्रथा को लेकर जिसमें दहेज़ के लिए महिलाओं को ज़िंदा जला दिया जाता था, लेकिन अब एक अलग ही आग जली है महिलाओं, बच्चियों और यहाँ तक की छोटी बच्चियों के साथ कुकर्म करने की जोकि दो साल की बच्ची तक के साथ भी अपनी हवस मिटाने से नहीं चूकते, पिछले सात साल से निर्भया रेप हत्या कांड एक ऐसा हिंसक उदाहरण बन गया है जो इंसान की साइको हैवानियत को दर्शाता है या यह कहना चाहिए की आज हम किस मोड़ पर जा रहे है की आज महिलाएँ स्वयं को कहीं पर भी सुरक्षित महसूस नहीं करती और हाल ही में हैदराबाद में हुए रेपिस्ट के साथ एनकाउंटर को लोगो ने सहीं ठहराया और रेपिस्ट की बिना उम्र देखे ही फांसी की सजा को निर्धारित करने की मांग इस समय पुरे देश भर में जोरोशोरों से चल रही है जिसमे निर्भया की माँ भी शामिल है, आप सोच रहे होंगे की यह तो फिल्म रिव्यु है तो इनती बड़ी बात क्यों लिखी गयी है तो हम बता दे की इस सप्ताह रानी मुख़र्जी की फिल्म 'मर्दानी 2' रिलीज़ हुई है जिसमें रानी मुख़र्जी पुलिस अधिकारी की भूमिका में है।
फिल्म रिव्यु - मर्दानी 2
कलाकार - रानी मुखर्जी, विशाल जेठवा, राजेश शर्मा, श्रुति बापना, जिशु सेनगुप्ता और दीपिका अमीन।
रानी मुख़र्जी एक ऐसी अदाकारा है जिसने अपने आपको हर किरदार में साबित किया है और पिछले कई वर्षो से वो डिफरेंट सब्जेक्ट को तवज्जो दे रही है। इस सप्ताह रिलीज़ फिल्म 'मर्दानी 2' में भी उन्होंने अपने किरदार को बखूबी जिया है।
कहानी - फिल्म शुरू होती है साइको रेपिस्ट किलर सनी यानि विशाल जेठवा से जो लड़कियों को किडनैप करके उनके साथ वहशियत वाला रेप करता है और फिर उन्हें बेरहमी से मार देता है, कभी उन्हें टुकड़े करके बोरे में भर देता है तो कभी कुचल देता है, यह कहानी राजस्थान के कोटा शहर में दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जहाँ लड़कियां घर से बाहर निकलने से भी डरने लगी है, यह रेपिस्ट उन लड़कियों को अपना निशाना बना रहा है जो अलग अलग शहरों से आकर राजस्थान में कोचिंग ले रही है। पुलिस डिपार्टमेंट की पहुँच से वो काफी दूर रहता है और हज़ार कोशिश के बाद भी पुलिस उस तक नहीं पहुँच पाती शहर में दहशत का माहौल है, इसी बीच इस साइको किलर को पकड़ने की जिम्मेदारी लेती है युवा पुलिस अधिकारी शिवानी शिवाजी रॉय यानि रानी मुख़र्जी जो शहर को इस दहशत भरे माहौल से उबारना चाहती है। शिवानी की सोच उस रेपिस्ट के दिमाग को कैच करती है और दोनों के बीच एक चूहे बिल्ली का खेल चलने लगता है यहाँ तक की सनी खुद फ़ोन करके शिवानी को चुनौती देता है की अगर उसमें दम है तो वो उसे पकड़कर दिखाए।
निर्देशन - निर्देशक गोपी पुथरान ने फिल्म को सस्पेंस और थ्रिलर बनाने में कहीं कसर नहीं छोड़ी है, फिल्म के पहले सीन से आखरी सीन तक दर्शक बंधा रह जाता है। गोपी इस फिल्म के राइटर भी है जिन्होंने रानी और विशाल दोनों के किरदार को पूरा स्पेस दिया है खासकर विशाल को।
एक्टिंग - विशाल जोकि कई टीवी सीरियल में अपनी अदाकारी दिखा चुके है और इस फिल्म में उन्होंने एक साइको रेपिस्ट की भूमिका में जान डाल दी है और रानी मुख़र्जी ने भी एक पुलिस अधिकारी के रूप में जीवांत अभिनय किया है। इस फिल्म को हर इंसान को देखना चाहिए सिर्फ लड़की को ही नहीं बल्कि लड़को को भी, यह रानी का कहना है। बाकि कलाकारों ने भी अपने अभिनय को बहुत ही शानदार तरीके से निभाया है जो फिल्म की रफ़्तार को आगे बढ़ाता है।
फिल्म में कोई गाना नहीं है इसीलिए फिल्म लगातार चलती जाती है जबकि बैकग्राउंड संगीत बहुत अच्छा बन पड़ा है जो कई बार दर्शकों को चौंका देता है।
फिल्म की खास बात - फिल्म की खास बात इसका सब्जेक्ट है जो आज का ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है।
फिल्म समीक्षक
सुनील पाराशर