जब सोनिया गांधी ने अटल जी को फोन कर पूछा, आप ठीक तो हैं
अशोक टंडन अपनी पुस्तक अटल स्मरण में लिखते हैं, ‘सोनिया गांधी का फोन आया। वह कहती हैं कि मुझे आपकी चिंता हो रही है। क्या आप सुरक्षित हैं? इस पर अटल जी जवाब देते हैं कि मैं सुरक्षित हूं। मुझे चिंता हो रही थी कि कहीं आप संसद परिसर में तो नहीं हैं। आप अपना ख्याल रखिए।;
नई दिल्ली। भारत की संसद पर 13 दिसंबर, 2001 को भीषण आतंकी हमला हुआ था। इस आतंकी हमले से जांबाज सुरक्षाकर्मियों ने संसद परिसर के बाहर ही निपटने में सफलता पाई थी। संसद भवन के दरवाजों को उस दौरान बंद कर दिया गया था और तमाम सांसद अंदर ही थे।
यह हमला उस वक्त हुआ, जब संसद चल रही थी और कुछ देर पहले ही सदन स्थगित हुआ था। उस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे तो वहीं सबसे बड़ी विपक्षी नेता सोनिया गांधी थीं। अटल सरकार के दौर में मीडिया सलाहकार रहे अशोक टंडन ने एक पुस्तक में हमले के दौरान दोनों की बातचीत का जिक्र किया है।
हमले के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी अपने आवास में थे। वह टेलीविजन पर सुरक्षा बलों के ऑपरेशन को देख रहे थे और साथ में कई मंत्री बैठे थे। इसी दौरान सोनिया गांधी का उनके पास फोन आया था। अशोक टंडन अपनी पुस्तक अटल स्मरण में लिखते हैं, 'सोनिया गांधी का फोन आया। वह कहती हैं कि मुझे आपकी चिंता हो रही है। क्या आप सुरक्षित हैं? इस पर अटल जी जवाब देते हैं कि मैं सुरक्षित हूं। मुझे चिंता हो रही थी कि कहीं आप संसद परिसर में तो नहीं हैं। आप अपना ख्याल रखिए।' इस तरह मुसीबत के वक्त दो शीर्ष नेताओं ने एक-दूसरे का हाल पूछा था।
कलाम का नाम सुनते ही सोनिया गांधी चौंक गईं
अशोक टंडन ने अपनी पुस्तक में एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति बनाए जाने के बारे में भी लिखा है। वह लिखते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने खुद ही कलाम के नाम का प्रस्ताव रखा था। यह प्रस्ताव तब रखा था, जब राष्ट्रपति कैंडिडेट के नाम पर चर्चा के लिए सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी उनके आवास पर पहुंचे थे।
इस दौरान अटल जी ने नाम रख दिया कि कलाम को यदि राष्ट्रपति बना दिया जाए तो कैसा रहेगा। कलाम का नाम सुनते ही सोनिया गांधी चौंक जाती हैं। वह कहती हैं कि कलाम के नाम से आपने हम लोगों को हैरान किया है। हमें उनके नाम का समर्थन करना ही होगा। इस तरह अब्दुल कलाम पक्ष और विपक्ष दोनों के साथ आने से राष्ट्रपति चुने गए।