चीनी उद्योगों को दिये पैकेज से किसानों को कोई लाभ नहीं मिलेगा:  किसान मजदूर संगठन

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने केन्द्र सरकार द्वारा चीनी उद्योगों को दिये गये 7000 करोड़ रुपये के पैकेज को किसानों के साथ घाेखा बताते हुए कहा है कि इससे उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा;

Update: 2018-06-12 16:53 GMT

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने केन्द्र सरकार द्वारा चीनी उद्योगों को दिये गये 7000 करोड़ रुपये के पैकेज को किसानों के साथ घाेखा बताते हुए कहा है कि इससे उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा ।

संगठन के संयोजक वी एम सिंह ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार इस पैकेज को इस प्रकार से प्रचारित कर रही है जैसे इससे किसानों के बकाये का भुगतान हो जायेगा जबकि इससे बड़ी राशि चीनी मिलों में शीरा से एथनाल निर्माण या उसका उत्पादन बढाने के लिए संयंत्र की स्थापना तथा अन्य कार्यो के लिए दी गयी है । उनके अनुसार एथनाल उत्पादन बढाने को लेकर चीनी मिलों को 4400 करोड़ रुपये बैंक रिण के रुप में मिलेगा और इस पर 1320 करोड़ रुपये की स्ब्सिडी या ब्याज सरकार वहन करेगी ।

 सिंह ने कहा कि सरकार ने 30 लाख टन चीनी का बफर स्टाक बनाने का निर्णय लिया है जिसके रखरखाव पर चीनी मिलों को 1175 करोड़ रुपये का भुगतान किया जायेगा । इसके साथ ही चीनी मिलें यदि 20 लाख टन चीनी का निर्यात करती है तो 1500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी ।

उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को दिये गये पैकेज में से 1175 करोड़ रुपये ही किसानों को मिल सकेगा जबकि उनका बकाया बढकर 22000 करोड़ रुपये हो गया है । किसानों को इसका लाभ भी तीन - चार माह बाद मिलेगा । उन्होंने कहा कि चीनी मिलों के घाटे में चलने का दावा पूरी तरह गलत है । एक ओर वे घाटे का दावा करती हैं और दूसरी ओर 300 प्रतिशत तक का लाभांश देती हैं ।

सिंह ने कहा कि देश में पांच करोड़ किसान गन्ने की खेती करते हैं और यही उनकी आजीविका का साधन है जबकि चीनी मिल एक वर्ष बाद भी उनके बकाये का भुगतान नहीं करती है जिसके कारण वे आत्महत्या तक को मजबूर होते हैं । उन्होंने सरकार से किसानों के बकाये के भुगतान के लिए तुरंत जरुरी उपाय करने का अनुरोध किया ।

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