देशभर में 11 से 17 अप्रैल तक किसान मनाएंगे एमएसपी गारंटी सप्ताह

देशभर के किसान संगठन 'संयुक्त किसान मोर्चा' 11 अप्रैल से यानि सोमवार से एमएसपी गारंटी सप्ताह मनाएगा;

Update: 2022-04-10 22:17 GMT

नई दिल्ली। देशभर के किसान संगठन 'संयुक्त किसान मोर्चा' 11 अप्रैल से यानि सोमवार से एमएसपी गारंटी सप्ताह मनाएगा। इस कार्यक्रम के तहत अलग-अलग जगहों पर धरना, प्रदर्शन और गोष्ठी के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को किसान का कानूनी अधिकार बनाने की मांग पर जागृति अभियान चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम की घोषणा संयुक्त किसान मोर्चा की दिल्ली में 14 मार्च की बैठक में की गई थी। नवंबर 2020 में दिल्ली में मोर्चे की शुरूआत के पहले से ही संयुक्त किसान मोर्चा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग उठाई थी।

संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर के किसानों और किसान संगठनों से अपील की है कि, 11 से 17 अप्रैल के बीच अपने अपने जिले में कम से कम एक कार्यक्रम का आयोजन अवश्य करें ताकि एमएसपी के सवाल पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारी शुरू की जा सके।

इसके अलावा मोर्चे ने यह विश्वास व्यक्त किया है कि जैसे तीन काले कानूनों के खिलाफ लड़ाई जीती गई थी, उसी तरह हम एमएसपी की कानूनी गारंटी का संघर्ष भी जीतेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा के तहत, इस मांग का अर्थ यह है कि ''एमएसपी केवल 23 फसलों के लिए नहीं, बल्कि फल, सब्जी, वनोपज और दूध, अंडा जैसे समस्त कृषि उत्पाद के लिए तय की जाए। एमएसपी तय करते समय आंशिक लागत (ए2प्लस एफएल) की जगह संपूर्ण लागत (सी2) के डेढ़ गुणा को न्यूनतम स्तर पर रखा जाए।

एमएसपी की सिर्फ घोषणा न हो, बल्कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हर किसान को अपने पूरे उत्पाद का कम से कम एमएसपी के बराबर भाव मिले। यह सरकार के आश्वासन और योजनाओं पर निर्भर न रहे, बल्कि इसे मनरेगा और न्यूनतम मजदूरी की तरह कानूनी गारंटी की शक्ल दी जाए, ताकि एमएसपी न मिलने पर किसान कोर्ट कचहरी में जाकर मुआवजा वसूल कर सके।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि, किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने की घोषणा करते हुए 19 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएसपी और अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की थी। सरकार के 9 दिसंबर के आश्वासन पत्र में भी इसका जिक्र था। लेकिन आज 4 महीने बीतने के बावजूद भी सरकार ने इस समिति का गठन नहीं किया है।

इसी 22 मार्च को सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को समिति में कुछ नाम देने का मौखिक संदेशा भेजा था। लेकिन मोर्चे द्वारा समिति के गठन, इसकी अध्यक्षता, इसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस और कार्यावधि आदि के बारे में लिखित स्पष्टीकरण की मांग करने के बाद से सरकार ने फिर चुप्पी साध ली।

संयुक्त किसान मोर्चा ने इस बात का भी खंडन किया है कि इस सीजन में किसान को सभी फसलों पर एमएसपी से ऊपर दाम मिल रहे हैं।

Full View

Tags:    

Similar News