किसानों का सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास

केन्द्र सरकार के खिलाफ आज जब संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी, उसी समय संसद मार्ग पर देश भर से आए हजारों किसानों ने भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास किया;

Update: 2018-07-20 23:26 GMT

 नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के खिलाफ आज जब संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी, उसी समय संसद मार्ग पर देश भर से आए हजारों किसानों ने भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास किया। किसानों की इस संसद के गवाह तमाम राजनेता बने, जिनमें पूर्व सांसद शरद यादव, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, सांसद राजू शैट्टी, संजय सिंह, दीपंकर भट्टाचार्य, अतुल कुमार अंजान, अली अनवर, मेधा पाटकर, दर्शनपाल, मेधा पाटकर,डा सुनीलम, कविता, आशीष मित्तल, योगेन्द्र यादव, त्रिलोकचंद त्यागी शामिल थे।

लोकसभा में आज अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की तरफ से तैयार कर्ज माफी और लाभकारी मूल्य को लेकर तैयार प्राइवेट मैंबर बिल के तौर पर लोकसभा में पेश किया जाना था, जो अविश्वास प्रस्ताव के कारण पेश नहीं हो सका, हालांकि राज्यसभा में इसे पेश किया जा चुका है। काले झंडे लेकर किसानों द्वारा निकाला गया यह मार्च मोदी सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य के खिलाफ था। किसानों का आरोप है, कि मोदी शासन चुनावी घोषणा और घोषणा पत्र को भूलकर किसानों को उनके उपज को, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश पर आधारित सही दाम नहीं दे पाए है ।

उन्होंने इसी महीने जो समर्थन मूल्य घोषित किया है, वह किसानों के साथ धोखा है, क्योंकि लागत का आंकलन ठीक से नहीं किया है। किसानों का आरोप है, कि मोदी शासन ने सूखा और आपदा के दौरान किसानों को राहत नही दी। कभी आर्थिक कमजोरी का कारण दिया लेकिन प्रत्यक्ष में ' फसल बीमा ' योजना के द्वारा कंपनियों को हज़ारो करोड़ों रुपयो का मुनाफा दान किया।

मोदी शासन ने 2013 तक भू-अधिग्रहण कानून, पेसा कानून, भूमी संबंधी नियम / कानून नकार कर तथा बदल कर कई बड़ी बड़ी परियोजनाओ के लिए भूमी जबरन अधिग्रहित की या हड़प ली। आदिवासी किसानों का जल, जंगल, जमीन छीनकर अपनी जबरदस्ती बेहद आगे बढ़ाई है। सरकार की पूरी कोशिश बड़ी कंपनियों को लाभ पहुंचाने की है।

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