मुख्यमंत्री के दबाव को भी किसानों ने नकारा, बंदी पूरी तरह विफल : दीपक प्रकाश

झारखंड भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने आज हेमंत सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि किसानों ने नए कृषि कानून का समर्थन करते हुए भारत बंद के आह्वान को पूरी तरह नकार दिया है;

Update: 2020-12-09 01:14 GMT

रांची। झारखंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने आज हेमंत सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि किसानों ने नए कृषि कानून का समर्थन करते हुए भारत बंद के आह्वान को पूरी तरह नकार दिया है।

श्री प्रकाश ने मंगलवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य के शासक और सत्ताधारी दलों को जनता ने ठुकरा दिया है। वामपंथी पार्टियां तो बिन पेंदी का लोटा हो गई है जो पूरी दुनिया से समाप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन में किसान बाहर हैं, किसानों के बीच निःस्वार्थ भाव से केवल किसानों के लिये कार्य करने वाले संगठन भी आंदोलन से बाहर हैं। आंदोलन में वैसे लोग हैं जिन्होंने वर्षों तक किसानों की अनदेखी की। कानून का विरोध करने वालों ने कहा था कि इस आंदोलन में कोई भी राजनीतिक दल शामिल नहीं होगा लेकिन आज ठीक इसके विपरीत हो रहा। आंदोलन में केवल राजनीतिक विरोध हो रहे हैं, किसान हित गौण हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने वर्षों तक स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में एक लाख से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की पर ये चुप बैठे रहे। उन्होंने कहा कि जो दल आज कानून का विरोध कर रहे हैं उन्होंने अपने-अपने घोषणा पत्र और बयानों के माध्यम से कानून की बातों का समर्थन किया है। कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 के घोषणा पत्र में कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) को निरस्त करने, कृषि उत्पादों के व्यापार की व्यवस्था करने, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 को समाप्त करने की बात कही थी।
श्री प्रकाश ने कहा कि झारखंड में किसानों की धान खरीद पर रोक लगाने वाली सरकार आज किसानों की हितैषी बनने का नाटक कर रही।

उन्होंने पूछा कि यूरिया की कालाबाजारी करनेवालों पर सरकार ने क्या करवाई की। मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना क्यों बंद की गई। किसानों की ऋण माफी का क्या हुआ। उन्होंने कहा कि झारखंड की महाठगबंधन सरकार का दोहरा चरित्र उजागर हो चुका है। ये किसान विरोधी लोग आज घड़ियाली आंसू बहा रहे है। जनता इनको पहचान चुकी है।

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