झोलाछाप डॉक्टर्स दिखा रहे हैं स्वास्थ्य विभाग को ठेंगा
कस्बा मुरादनगर क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टर्स स्वास्थ्य विभाग को ठेंगा दिखा रहे हैं;
गाजियाबाद। कस्बा मुरादनगर क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टर्स स्वास्थ्य विभाग को ठेंगा दिखा रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टर गली कूचों में अपने-अपने अवैध क्लीनिक धड़ल्ले से चला रहे हैं। इन डॉक्टरों पर मरीज आंख मूंदकर विश्वास करते है।
डॉक्टर भी मरीजों के विश्वास का भरपूर फायदा उठाते है। यह डॉक्टर दिन भर में सैकड़ों मरीजों को इलाज हेतु देखते हैं और उनसे सौ-सौ दो-दो रूपए करके मोटी रकम ऐंठते है। यह झोलाछाप डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा पांचवी, छठी, आठवीं कक्षा तक ही पढ़े होते हैं और इनके सीनियर अनुभवी डॉक्टर 10 वीं, 12वीं आदि कक्षा फेल या पास होते है। यह डॉक्टर्स मरीजों को दबाकर कर एक्सपाइरी दवाइयां खिलाते हैं और उनके स्वास्थ व उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते हैं।
यह डॉक्टर्स इतने चतुर और चालाक है कि यह एक्सपायरी दवाइयों के रैपर निकाल देते हैं ताकि किसी को पता ना पढ़ सके कि यह एक्सपाइरी दवाइयां हैं। मरीजों के विश्वास को यह यही इस्तेमाल में लेते है। गौरतलब है कि इन झोलाछाप डॉक्टरों कि इनकम इनकी वैल्यू के हिसाब से है। गौर करें कि जो लो क्लास झोलाछाप डॉक्टर है उनकी इनकम 2 से 3 हजार रुपए प्रतिदिन, मीडियम क्लास डॉक्टर कि इनकम 5 से 10 हजार रुपए प्रतिदिन और हाई क्लास डॉक्टर कि इनकम 10 से 20 हजार रुपए प्रतिदिन के लगभग होती हैं।
यह डॉक्टर अपने मरीजों को ऐसे-ऐसे पहाड़े पढ़ाते हैं कि इसका मरीज उस पर और उसका मरीज इसपर बहुत कमी से आते हैं। ऐसी बात नहीं है कि इनकी दवाइयों में असर नहीं होता थोड़ा बहुत तो होता है। यह डॉक्टर्स एक मरीज को 3 से 5 दिन में ठीक कर देते हैं और जिनका मर्ज बड़ा है उन्हें लगातार दवाइयां खिलाते रहते हैं और उनसे पैस ऐंठते रहते हैं। मरीज ठीक हो या ना हो इन्हें सिर्फ अपने पैसों से मतलब है। यह डॉक्टर्स मरीजों को अपने जाल में फंसा लेते हैं और उन्हें अपने फंदे से निकलने नहीं देते हैं। कभी-कभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इनके विरुद्ध क्षेत्र में कार्यवाही करने आते है।
लेकिन अधिकतर वह इन्हें विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने में असमर्थ रहते है। आप को बताते है कि इन झोलाछाप डॉक्टरों के सूत्र कितने मजबूत है। जैसे ही इन्हें पता पड़ता है कि स्वास्थ्य विभाग कि ओर से अधिकारीगण क्षेत्र में आ रहे हैं तो यह अपने-अपने क्लीनिक बंद कर मौके से चंपत हो जाते हैं। जैसे ही अधिकारीगण वापस अपने विभाग में लौट जाते हैं तो यह अपने-अपने क्लीनिकों पर नजर आने शुरू हो जाते हैं।
इन डॉक्टरों ने अपने-अपने क्लीनिकों में लाखों रुपए खर्च कर उन्हें आलीशान बना रखा हैं। आए दिन इन झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों के स्वस्थ को लेकर खिलवाड़ होता रहता है और तो और इनके लापरवाही से जाने कितने लोगों कि मौत हो चुकी है। जब कभी ऐसा होता तो यह डॉक्टर्स क्षेत्र में मौजूद अपने सहयोगियो को लेकर पैसा से उनके मुह बंद कर देते है। इन्होंने क्षेत्र के रसूकों वाले लोगों में अपनी पकड़ बना रखी है जिसके कारण यह क्षेत्र में बने हुए हैं।