बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरगर्मी बढ़ी, कांग्रेस, राजद मंत्री बनाने में दुरुस्त करेंगे जातीय समीकरण

बिहार में खरमास यानी मकर संक्रांति के बाद महागठबंधन सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है;

Update: 2023-01-13 22:59 GMT

पटना। बिहार में खरमास यानी मकर संक्रांति के बाद महागठबंधन सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है।

इसे लेकर महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस कोटे से दो दो मंत्री बनने की संभावना है, ऐसे में दोनों दलों में संभावित नेता मंत्री बनने की जोड़- तोड़ में जुट गए हैं, वहीं पार्टी इस विस्तार के जरिए समीकरण और क्षेत्रीय समीकरण साधने के लिए जोड़ घटाव में जुटी है।

महागठबंधन सरकार बनने के बाद विभिन्न कारणों से राजद कोटे के दो मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा था। जिन मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा था, वे दोनों सवर्ण वर्ग से आते हैं। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि राजद कोटे से को दो मंत्री बनेंगे वे सवर्ण वर्ग के हो सकते हैं।

कांग्रेस को यदि दो मंत्री पद और मिले तो एक सवर्ण और दूसरा पिछड़ा या अतिपिछड़ा को मौका मिल सकता है।

संभावना जताई है कि पार्टियां मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए क्षेत्रीय सामंजस्य भी बैठाने की कोशिश करेगी।

कांग्रेस के बिहार विधानसभा में 19 सदस्य हैं, जबकि विधान परिषद में चार सदस्य हैं। वर्तमान में महागठबंधन में कांग्रेस के दो मंत्री सरकार में शामिल हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस कोटे से दो मंत्री पद मिलने की उम्मीद लगाए बैठी है, ऐसे में पार्टी इस बार अंग प्रदेश और मिथिलांचल से आने वाले नेता को मंत्री बना सकती है।

फिलहाल पार्टी की ओर से एक अनुसूचित जाति और एक अल्पसंख्यक वर्ग के सदस्य मंत्री हैं। कांग्रेस इस बार एक सवर्ण और एक ओबीसी को मंत्री बनाकर जातीय समीकरण दुरुस्त कर सकती है।

वैसे, महागठबंधन में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के भी शामिल होने की चर्चा है। अगर, ऐसी स्थिति बनती है तो वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। वैसे, यह कहना अभी जल्दबाजी है, क्योंकि वीआईपी का एक भी विधायक या विधान पार्षद नहीं है।

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