बांग्लादेश में दिसंबर तक कराए जा सकते हैं चुनाव

बांग्लादेश चुनाव का चुनाव आयोग देश में आम चुनाव दिसंबर तक कराने की तैयारी कर रहा है और आयोग एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि चुनाव का कार्यक्रम सरकार की सहमति के साथ तय किया जाएगा। यह जानकारी आयोग के एक आला अधिकारी ने दी है;

Update: 2025-04-11 17:35 GMT

ढाका। बांग्लादेश चुनाव का चुनाव आयोग देश में आम चुनाव दिसंबर तक कराने की तैयारी कर रहा है और आयोग एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि चुनाव का कार्यक्रम सरकार की सहमति के साथ तय किया जाएगा। यह जानकारी आयोग के एक आला अधिकारी ने दी है।

बांग्लादेश मीडिया की रिपोर्टों में चुनाव आयुक्त आयुक्त मोहम्मद अनवारुल इस्लाम सरकार के हवाले से कहा गया है कि आयोग दिसंबर में आम चुनाव कराने का विचार कर रहा है। इसके लिए मतदाता सूचियों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है।

रिपोर्टों में कहा गया है कि  सरकार ने नरसिंगडी में उपायुक्त-कार्यालय में मतदाता सूची अद्यतन करने के संबंध में आयोजित एक कार्यक्रम में पिछले दिनों कहा, “चुनाव के लिए हमारी तैयारियों के तहत मतदाता सूची को अद्यतन करने का काम पूरा होने वाला है।”

बिजनेस स्टैंडर्ड बंगलादेश के अनुसार, चुनाव आयुक्त ने कहा, “ चुनाव आयोग की जिम्मेदारी स्थानीय, संसदीय और राष्ट्रपति पद के चुनाव आयोजित करना है।”

चुनाव आयुक्त ने अपनी टिप्पणियों की व्याख्या करते हुए कहा, “राष्ट्रीय संसद चुनाव कराना अनिवार्य रूप से हमारी प्राथमिकता है। यदि राजनीतिक सहमति बनती है और सरकार को भी लगता है कि वह स्थानीय सरकारों के चुनाव कराने के लिए भी पूरी तरह तैयार है, तो सरकार चुनाव आयोग से अनुरोध कर सकती है।”

राष्ट्रीय चुनाव कराना बंगलादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और उनके राजनीतिक सहयोगियों के बीच लंबे समय से एक मुद्दा बना हुआ है। सभी ने मांग की है कि अंतरिम सरकार द्वारा बिना किसी देरी के एक स्पष्ट रोडमैप जारी किया जाए, ताकि चुनाव कराए जा सकें।

यूनुस और उनकी सेना समर्थित अंतरिम सरकार पर सभी तरफ से जानबूझकर चुनाव कराने के मुद्दे को टालने का आरोप लगाये जा हरे हैं ।

इस सवाल के जवाब में कि क्या अवामी लीग आगामी चुनावों में भाग लेगी और क्या नाव के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल किया जाएगा। इस पर चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह पूरी तरह से एक राजनीतिक निर्णय है। उन्होंने कहा, “अभी यह कहने का समय नहीं है कि मतपत्रों पर कोई प्रतीक मौजूद होगा या नहीं। समय ही बताएगा कि कौन से उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे और कौन से प्रतीक मतपत्रों पर दिखाई देंगे।”

अंतरिम सरकार के राजनीतिक सहयोगियों जैसे कि बीएनपी, एनसीपी और बीजेआई ने अवामी लीग की भागीदारी का कड़ा विरोध किया है और पार्टी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली पार्टी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बढ़ते हमलों और अपने सदस्यों के खिलाफ हिंसा के निशाने पर रही है। सुश्री हसीना ने पिछले साल अगस्त में सत्ता से बेदखल होने के बाद देश छोड़कर भारत में शरण ली थी। पिछले साल सरकार भंग होने के बाद इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा आवामी लीग पार्टी के सदस्यों की पिटाई की गई और यहां तक कि कई कार्यकर्ताओं की हत्या भी कर दी गयी।

Full View

बंगलादेश मीडिया की रिपोर्टों में चुनाव आयुक्त आयुक्त मोहम्मद अनवारुल इस्लाम सरकार के हवाले से कहा गया है कि आयोग दिसंबर में आम चुनाव कराने का विचार कर रहा है। इसके लिए मतदाता सूचियों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है।
रिपोर्टों में कहा गया है कि श्री सरकार ने नरसिंगडी में उपायुक्त-कार्यालय में मतदाता सूची अद्यतन करने के संबंध में आयोजित एक कार्यक्रम में पिछले दिनों कहा, “चुनाव के लिए हमारी तैयारियों के तहत मतदाता सूची को अद्यतन करने का काम पूरा होने वाला है।”
बिजनेस स्टैंडर्ड बंगलादेश के अनुसार, चुनाव आयुक्त ने कहा, “ चुनाव आयोग की जिम्मेदारी स्थानीय, संसदीय और राष्ट्रपति पद के चुनाव आयोजित करना है।”
चुनाव आयुक्त ने अपनी टिप्पणियों की व्याख्या करते हुए कहा, “राष्ट्रीय संसद चुनाव कराना अनिवार्य रूप से हमारी प्राथमिकता है। यदि राजनीतिक सहमति बनती है और सरकार को भी लगता है कि वह स्थानीय सरकारों के चुनाव कराने के लिए भी पूरी तरह तैयार है, तो सरकार चुनाव आयोग से अनुरोध कर सकती है।”
राष्ट्रीय चुनाव कराना बंगलादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और उनके राजनीतिक सहयोगियों के बीच लंबे समय से एक मुद्दा बना हुआ है। सभी ने मांग की है कि अंतरिम सरकार द्वारा बिना किसी देरी के एक स्पष्ट रोडमैप जारी किया जाए, ताकि चुनाव कराए जा सकें।
श्री यूनुस और उनकी सेना समर्थित अंतरिम सरकार पर सभी तरफ से जानबूझकर चुनाव कराने के मुद्दे को टालने का आरोप लगाये जा हरे हैं ।
इस सवाल के जवाब में कि क्या अवामी लीग आगामी चुनावों में भाग लेगी और क्या नाव के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल किया जाएगा। इस पर चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह पूरी तरह से एक राजनीतिक निर्णय है। उन्होंने कहा, “अभी यह कहने का समय नहीं है कि मतपत्रों पर कोई प्रतीक मौजूद होगा या नहीं। समय ही बताएगा कि कौन से उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे और कौन से प्रतीक मतपत्रों पर दिखाई देंगे।”
अंतरिम सरकार के राजनीतिक सहयोगियों जैसे कि बीएनपी, एनसीपी और बीजेआई ने अवामी लीग की भागीदारी का कड़ा विरोध किया है और पार्टी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली पार्टी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बढ़ते हमलों और अपने सदस्यों के खिलाफ हिंसा के निशाने पर रही है। सुश्री हसीना ने पिछले साल अगस्त में सत्ता से बेदखल होने के बाद देश छोड़कर भारत में शरण ली थी। पिछले साल सरकार भंग होने के बाद इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा आवामी लीग पार्टी के सदस्यों की पिटाई की गई और यहां तक कि कई कार्यकर्ताओं की हत्या भी कर दी गयी।

Tags:    

Similar News