महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण समाज के विकास का मूलमंत्र: सुरेश प्रभु
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कल डब्ल्यूईएफ में सौ से अधिक देशों से महिला प्रतिनिधियों के एक बड़े समूह को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के विकास का अर्थ है कि विश्व के 50 प्रतिशत भाग का विकास हो गया;
नई दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कल वीमेन इकनामिक फोरम में 100 से भी अधिक देशों से पधारी महिला प्रतिनिधियों के एक बड़े समूह को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के विकास का अर्थ है कि विश्व के 50 प्रतिशत भाग का विकास हो गया।
जब महिलाएं स्वयं कमाती हैं और उन्हें खर्च करने की स्वतंत्रता हो तो वे परिवार की सेहत और बच्चों की शिक्षा पर खर्च करती हैं। महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण समाज के विकास का मूलमंत्र है। इससे कई सामाजिक समस्याएं हल हो जाती हैं। रेलवे मं हमने महिलाओं को विकास के कार्यक्रमों में शामिल करके यह सुनिश्चित किया है कि विकास अधूरा न रहे।
केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया की राजनीति में महिलाओं की बड़ी भूमिका रही है लेकिन समाज के सर्वांगीण विकास के लिए महिलाओं का आर्थिक विकास होना भी आवश्यक है। महिला इकनॉमिक फोरम, विश्व भर में संपर्क बनाने और व्यावसायिक नेटवर्किंग का अवसर प्रदान करती है। सामूहिक प्रयास के माध्यम से, गैर-लाभकारी फ्रेमवर्क में महिलाओं का सशक्तिकरण इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।
कार्यक्रम में कई मशहूर महिलाओं ने अपने अपने विचारों से अवगत करवा रहे हैं। वक्ताओं में अदिति राव हैदरी, परनिया कुरैशी, बरखा दत्त, विक्रम चंदा, सुभाष घई, फैब इंडिया के प्रबंध निदेशक विलियम बिसैल, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा, फेसबुक के भारत व दक्षिणी एशिया के प्रबंध निदेशक उमंग बेदी सहित कई अन्य वक्ता शामिल हैं।
फोरम में बाबा रामदेव, केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु, कपिल सिब्बल सहित कई नामी-गिरामी हस्तियां शिरकत कर रही हैं।
आयोजक डा. हरबीन अरोड़ा ने बताया कि सम्मेलन में व्यवसाय, आर्थिक, राजनीति, सामाजिक एवं आध्यात्मिक थीम पर कई सत्र होंगे। महिलाओं द्वारा विचार-नेतृत्व एवं पारस्परिक सशक्तिकरण, सामुदायिक विकास, अभिनव उपलब्धियों, स्वास्थ्य, स्थानीय वातावरण में योगदान क सामान्य तरीकों सहित, वैश्विक महिला राजनीतिज्ञों द्वारा व्यक्तिगत नेतृत्व आदि पर विमर्श जारी है।