गांवों में कोविड की जांच के लिए डीएसटी से जुड़े स्टार्टअप ने सस्ती किट बनाई

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की पहल पर मुंबई के एक स्टार्टअप ने किफायती रैपिड एंटीजन जांच किट तैयार की है;

Update: 2021-05-16 00:40 GMT

नई दिल्ली। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की पहल पर मुंबई के एक स्टार्टअप ने किफायती रैपिड एंटीजन जांच किट तैयार की है। यह किट 100 रुपये प्रति नमूने की जांच की कीमत पर कोविड-19 का निदान और निगरानी प्रदान करती है। यह बाजार में उपलब्ध सबसे किफायती परीक्षणों में से एक होगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की एक पहल सेंटर फॉर ऑगमेंटिंग वॉर विद कोविड-19 हेल्थ क्राइसिस (सीएडब्ल्यूएसीएच) ने जुलाई, 2020 में कोविड-19 रैपिड निदान विकसित करने के लिए स्टार्टअप का समर्थन किया था। पतंजलि फार्मा के निदेशक, डॉ. विनय सैनी, ने एसआईएनई, आईआईटी बंबई के साथ स्टार्टअप को इनक्यूबेट किया और 8-9 महीनों के भीतर अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं के साथ-साथ उत्पादों को विकसित किया। उन्होंने आवश्यक लाइसेंस के लिए आवेदन किया और विभिन्न कोविड केंद्रों में उत्पादों का मूल्यांकन और सत्यापन किया ताकि उनकी प्रभावकारिता को जानने और उसमें और सुधार किया जा सके।

डॉ. विनय सैनी ने उत्पाद के विकास की यात्रा के बारे में बोलते हुए कहा, "कोविड-19 रोगियों और वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) के नमूनों में हमारे उत्पादों का आंतरिक सत्यापन करना एक अद्भुत अनुभव था, जिसमें कोविड रोगियों के नासोफेरींजल स्वैब शामिल थे। मैं अपनी टीम के सदस्यों के साथ मुंबई में विभिन्न कोविड केंद्रों पर विकसित उत्पादों के कई मूल्यांकन के लिए उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए उनके साथ मौजूद था।"

स्टार्टअप ने जून, 2021 की शुरूआत में तेजी से कोविड-19 एंटीजन परीक्षण शुरू करने की योजना बनाई है। रैपिड कोविड-19 परीक्षण (10 से 15 मिनट) ग्रामीण क्षेत्रों, डॉक्टर के क्लीनिक और ऐसे क्षेत्र जहां पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक लैब उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे संसाधन में कोविड -19 के शीघ्र निदान के लिए सहायक होंगे। यह परीक्षण किट सस्ती है और महामारी को नियंत्रित करने में मददगार होगी।

वर्तमान में, वे रैपिड कोविड -19 एंटीबॉडी परीक्षण, डीएसटी सीड ग्रांट और ब्रिक्स देशों के साथ रैपिड टीबी टेस्ट, कोविड-19 इग्निशन ग्रांट के माध्यम से सीआरआईएसपीआर आधारित कोविड 19 परीक्षण- फ्लोरिडा विश्वविद्यालय, यूएसए के साथ आईयूएसएसटीएफ के तहत इंडो यूएस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।

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