क्या कांग्रेस चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 फिर से लागू हो जाए? : जीतन राम मांझी

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस पर जुबानी हमला बोला;

Update: 2024-09-12 23:00 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस पर जुबानी हमला बोला। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें खड़गे ने दावा किया था कि टीडीपी और जेडीयू केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले सकती हैं।

जीतन राम मांझी ने कहा कि क्या कांग्रेस चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 फिर से लागू हो जाए? क्या कांग्रेस की मंशा यह है कि कश्मीर के लोग जिस शांति और अमन चैन से रह रहे हैं, वे न रहें। उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस चाहती है कि कश्मीर से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडित, जो आज वापस लौट रहे हैं, न लौटें।

केंद्र सरकार से नीतीश कुमार (जेडीयू ) और चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी) के समर्थन वापस लेने के खड़गे के बयान पर मांझी ने कहा कि जो लोग एनडीए के साथ हैं, वे रहेंगे। एनडीए में शामिल दल हर तरह से साथ हैं।

इससे पहले, बुधवार को मांझी ने कहा था कि राहुल गांधी को आरक्षण की चिंता नहीं करनी चाहिए। कांग्रेस नेता हमेशा देश से बाहर जाकर देश विरोधी बातें करते हैं। उनके पास कोई काम और मुद्दा नहीं है। इसलिए वो आरक्षण के मुद्दे को लेकर बात कर रहे हैं। देश में करीब 60 वर्ष उनकी पार्टी की ही सरकार थी। लेकिन, उस समय आरक्षण की क्या स्थिति रही है, ये सबको पता है। भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि हर 10 वर्ष में संविधान की समीक्षा की जानी चाहिए, ऐसे में कांग्रेस के 60 साल के कार्यकाल में छह बार इसकी समीक्षा होनी चाहिए थी, लेकिन एक बार भी नहीं हुई।

दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया है कि नीतीश कुमार (जेडीयू ) और चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी) केंद्र सरकार से किसी भी वक्त समर्थन वापस ले सकती है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे इन दिनों भाजपा पर हमलावर हैं। उन्होंने हाल में ही जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए भाजपा पर जुबानी हमला बोला है।

खड़गे ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में हम अगर (इंडिया गठबंधन) 20 सीटें और जीत जाती, तो भाजपा के कई नेता अब तक जेल में रहते। भाजपा वाले चुनाव से पहले 400 पार कहते थे, लेक‍िन उन्हें केवल 240 सीटें मिलीं।

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