स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में समझौता बर्दाश्त नहीं : बैजल
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मोहल्ला क्लिनिक से संबंधित प्रस्ताव को यह कहते हुए मंजूरी दे दी है कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होना चाहिए;
नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मोहल्ला क्लिनिक से संबंधित प्रस्ताव को यह कहते हुए मंजूरी दे दी है कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन क्लीनिक में लगाए गए डॉक्टर, स्टाफ हर तरह से योग्य होने चाहिए और वह एक पारदर्शी तंत्र के माध्यम से लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि इन सुरक्षा उपायों का उद्देश्य अब तक क्लीनिक के कार्यान्वयन में प्राप्त शिकायतों के निदान करने के अलावा एक मजबूत स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली विकसित करना है।
उपराज्यपाल ने पाया कि आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक की जगह का चयन करते समय पारदर्शिता होनी चाहिए ताकि उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले व सभी के लिए उपलब्ध हो खासकर कमजोर वर्ग के लिए और बिना किसी दोहराव के यह सुविधाएं मिल सकें। ऐसे क्लीनिक जो निजी परिसर में चल रहे हैं इन मामलों में यह देखा गया कि स्थान का चयन और किराया पीडब्ल्यूडी और सीपीडब्ल्यूडी के प्रचलित नियमों के आधार पर पारदर्शी खुली प्रक्रिया के माध्यम से होना चाहिए। आंकड़ों से हेराफेरी की शिकायतों की जांच के लिए उपराज्यपाल ने सुझाव दिया कि प्रशासनिक विभाग एक ऐसा तंत्र विकसित करे जो क्लीनिक में आने वालों की संख्या को सत्यापित करे। मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई बातचीत के आधार पर यह फैसला लिया गया कि प्रशासनिक विभाग हर छह माह के भीतर ऑनलाइन आधार, बायोमैट्रिक प्रक्रिया बनाए और उसको लागू करे।
उपराज्पाल ने जोर देकर कहा कि प्रशासनिक विभाग आंकड़ों की देखभाल और रोगियों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए प्रर्याप्त सुरक्षा उपायों को अपनाए। उपराज्यपाल ने आपूर्ति, सेवाओं, आउटर्सोसिंग, दवाइयां, सामान आदि की आपूर्ति के लिए विभाग को सभी आवश्यक निर्देश और औपचारिकताओं का पालन सुनिश्चित करने को कहा। भूमि उपयोग और किसी भी स्थायी संरचना का निर्माण करने के लिए संबंधित जमीन के मालिक, एजेंसी द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग किसी भी प्रकार से पूरे या किसी भी हिस्से के स्वामित्व या कब्जे के साथ स्थानांतरण नहीं करेगा। जहां भी आवश्यक हो स्थानीय निकाय, विभागों से संबंधित संस्थागत अनुमति प्राप्त करनी होगी। उपराज्यपाल ने कहा कि किसी भी दूर्भाग्यपूर्ण घटना से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग इन क्लीनिकों के कामकाज की नियमित रूप से जांच करे।