मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विधेयक पर राजनीति न करें: कांग्रेस

कांग्रेस ने तीन तलाक विधेयक का समर्थन करते हुए अाज कहा कि यह विधेयक विवाहित मुस्लिम महिलाओं के हक में है;

Update: 2017-12-28 17:17 GMT

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने तीन तलाक विधेयक का समर्थन करते हुए अाज कहा कि यह विधेयक विवाहित मुस्लिम महिलाओं के हक में है और मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए इस विधेयक को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 काे लोकसभा में पेश किए जाने से पहले संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि विधेयक को और मजबूत एवं तर्कसंगत बनाने की आवश्यकता है जिससे मुस्लिम महिलाओं का सशक्तीकरण हो और उन्हें हर तरह के शोषण से बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लेकर कांग्रेस ने तीन अहम सुझाव सरकार को दिये हैं जिससे मुस्लिम महिलाओं की दुश्वारियां कम की जा सकेंगी।

उन्होंने कहा कि विधेयक में प्रावधान किया गया है कि पीड़ित मुस्लिम महिला साबित करे कि तीन बार तलाक कहकर उससे विवाह विच्छेद किया गया है।
उनका कहना था कि इससे महिला को न्यायालयों के चक्कर ही काटते रहने पड़ेंगे ।
कोई पीड़ित महिला क्यों साबित करे कि उसे तलाक दिया गया है।
आरोपी पति ही क्यों न अपने को निर्दोष साबित करे।
उन्होंने इस प्रावधान में सुधार करने का सरकार को सुझाव दिया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि तलाक देने वाले पति के जेल जाने की स्थिति में पीड़ित महिला और उसके संतानों के भरण-पोषण की पुख्ता व्यवस्था इस विधेयक के जरिए की जानी चाहिए।
इसमें स्पष्ट नहीं है कि तलाक देने वाले पति के जेल जाने के बाद पीड़ित महिला की जीविका से संबंधित क्या व्यवस्था होंगी।
कोई संपत्ति न होने की हालत में पीड़ित महिला और उसकी संतानों का भरण-पोषण कैसे होगा।

उन्होंने आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष एवं सांसद असादुद्दीन ओवैसी को भारतीय जनता पार्टी की ‘बी टीम’ बताया और कहा कि श्री ओवैसी इस पर सवाल उठा रहे हैं कि संसद तीन तलाक पर कानून ही नहीं बना सकती।
कांग्रेस इसका समर्थन करती है और इसी के मद्देनजर पार्टी ने विधेयक पर संशोधन न पेश करके सरकार के समक्ष अपनी मांगे रख दी हैं।
पार्टी को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगे मानेगी और मुस्लिम महिलाओं के हक में और जरूरी कदम उठाएगी।

 

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