राज्यपाल के दौरे पर बोलने से रोकने पर द्रमुक का विधानसभा से बहिर्गमन
द्रमुक नेता एम.के. स्टालिन ने सोमवार अपने पार्टी विधायकों और गठबंधन सहयोगियों के साथ तमिलनाडु विधानसभा से बहिर्गमन किया;
चेन्नई। द्रमुक नेता एम.के. स्टालिन ने सोमवार अपने पार्टी विधायकों और गठबंधन सहयोगियों के साथ तमिलनाडु विधानसभा से बहिर्गमन किया। स्टालिन ने विभिन्न जिलों में राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के विवादास्पद दौरे के मुद्दे को उठाने की इजाजत नहीं मिलने के बाद यह बहिर्गमन किया। अध्यक्ष पी. धनपाल ने सदन में राज्यपाल पर चर्चा के लिए विधानसभा के नियमों का हवाला देते हुए स्टालिन को पुरोहित द्वारा जिलों में समीक्षा बैठकें करने के मुद्दे पर बोलने की इजाजत देने से इंकार कर दिया।
इसके बाद द्रमुक और उसके सहयोगियों ने सदन से बहिर्गमन किया।
बाद में स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा कि अगर पुरोहित जिलों में समीक्षा बैठकें करना जारी रखते हैं तो द्रमुक काले झंडे दिखाना शुरू करेगी।
उन्होंने कहा कि जब 1995 में अन्नाद्रमुक सत्ता में थी तो सदन में राज्यपाल एम. चन्ना रेड्डी के खिलाफ प्रस्ताव स्वीकार किया गया था।
राजभवन ने रविवार को एक बयान में कहा था कि आगामी महीनों में राज्यपाल जिलों का अपना दौरा जारी रखेंगे और राज्यपाल को भारतीय दंड सहिता की धारा 124 के तहत सुरक्षा प्राप्त है।