समाजवादी पार्टी - कहां पहुंचेगी पिता-पुत्र में वर्चस्व की जंग

यादव परिवार में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। जल्द होने वाले चुनावों में टिकट बंटवारे के प्रश्न को साख का सवाल बना लिया गया।;

Update: 2017-01-05 14:30 GMT
राजीव रंजन श्रीवास्तव

DB LIVE | 26 Dec 2016 | GHUMTA HUA AINA | CURRENT AFFAIRS | RAJEEV RANJAN SRIVASTAVA

उत्तरप्रदेश में कई दिनों से यादव परिवार में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। समाजवादी पार्टी की सत्ता अखिलेश संभाल रहे हैं, लेकिन पिता और चाचा के हाथों पार्टी की कमान थी। जल्द होने वाले चुनावों में टिकट बंटवारे के प्रश्न को साख का सवाल बना लिया गया।

मुलायम-शिवपाल की लिस्ट में अपने करीबीयों का नाम होने से खिन्न अखिलेश ने अपनी लिस्ट जारी की। यह सियासी लड़ाई उस वक्त बेहद रोमांचक हो गई, जब अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को पार्टी से ही निष्कासित कर दिया गया। लेकिन अगले ही दिन एक नाटकीय घटनाक्रम में उन्हें वापस भी ले लिया गया।

ऐसा जताया गया था कि मतभेद खत्म हो गए हैं।

इस निषकासन वापसी का विरोधियों, खासकर भाजपा ने खूब मज़ाक उड़ाया। बीजेपी सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा,

''मुख्यमंत्री की अपनी पार्टी में वापसी हो सकती है, जिसने उन्हें निष्कासित किया, लेकिन उनकी सत्ता में वापसी नहीं हो सकती क्योंकि उनकी सरकार का रिपोर्ट कार्ड विफलताओं से भरा है. उनकी सराकर ने न केवल भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा दिया, बल्कि आम आदमी के लिए कुछ नहीं किया।

बहरहाल, अब जो घटनाक्रम चल रहा है उससे मतभेद दोबारा ज़ाहिर हो रहे हैं।

 देशबन्धु समाचारपत्र समूह के समूह संपादक राजीव रंजन श्रीवास्तव का विशेष साप्ताहिक कार्यक्रम घूमता हुआ आईना

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