परीक्षा केंद्रों में अव्यवस्था का आलम
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वार्षिक परीक्षाओं में दौरान पंजीकृत परीक्षा केंद्रों में बदहाल व्यवस्थाएं देखने को मिल रही है।;
रायपुर । पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वार्षिक परीक्षाओं में दौरान पंजीकृत परीक्षा केंद्रों में बदहाल व्यवस्थाएं देखने को मिल रही है। इसमें परीक्षा कक्ष में छात्र-छात्राओं को नियमानुसार सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। वही तेज गर्मी और अव्यवस्था के चलते परीक्षार्थी गस खाकर गिर रहें हैं। जिसमें नगर के निजी परीक्षा केंद्रों में उपरोक्त घटनाएं सामने आई है। हालांकि केंद्र अधीक्षकों द्वारा तत्काल परिजनों को सूचना देने के साथ मेडिकल उपचार उपलब्ध कराया गया। वही परीक्षकों की सख्ती के कारण परेशानी सामने आ रही है। लगातार इसमें शिकायतें हो रही है कि नकल का प्रयास रोकने के नाम पर परीक्षक काफी दबाव बना रहे है। बार-बार की तलाशी व चेतावनी के कारण परीक्षा देते समय व्यवधान पहुंचने की शिकायते की गई है। यहां तक कि विवि के उड़न दस्ता की जांच का मनोवैज्ञानिक असर परीक्षार्थियों में नजर आ रहा है। बताया जा रहा है विवि की परीक्षाएं मई माह तक चलेगी। इस दौरान गर्मी और बढ़ेगी तथा छात्र-छात्राओं को कई तरह की परेशानी से जुझना पड़ सकता है।
पुराने नियमों को दरकिनार कर परीक्षाएं आयोजित हो रही है। उल्लेखनीय है कि रविशंकर विश्वविद्यालय की स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षाएं चल रही है। इसमें तीन पालियों में परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। तृतीय पाली 3 से 6 बजे के दौरान परीक्षार्थियों को अधिक परेशानी है। इस समय के दौरान तेज गर्मी और गर्म हवा के कारण अधिकांश वक्त परीक्षार्थी रूमाल से पसीना पोछते रहते है। वही परीक्षा कक्ष में पीने के पानी की अनुपलब्धता से अधिक व्याकुलता बढ़ रही है। पिछले दिनों बीए द्वितीय और तृतीय वर्ष के दौरान 2-3 परीक्षार्थी चक्कर आकर गिर पड़े। जिन्हें तत्काल केंद्र अधीक्षक नेसुविदाएं उपलब्ध कराई। लेकिन माना जा रहा है कि परीक्षा का दबाव गर्मी और अव्यवस्था के कारण उपरोक्त तरह की घटना हो रही है। हालांकि परीक्षार्थियों को स्वयं का पानी का बोतल लाने के निर्देश है। लेकिन कही न कही विवि नियमानुसार परीक्षा कक्ष में परीक्षार्थियों को पानी उपलब्ध का पालन नहीं हो पा रहा है। साथ ही परीक्षा कक्ष के टेबल धुल जमी रहती है।
जिसमें सफाई का अभाव देखा जा रहा है। गरामीण क्षेत्रों में परीक्षा केंद्रों में काफी खराीब स्थिति है। यहां पर परीक्षार्थियों के लिये उचित शौचालय नहीं है। इस वजह से परीक्षा के मध्यांतर में महिला परीक्षार्थियों को विशेष कठिनाई का सामना करना पड़ता है। साथ ही परीक्षा कक्ष में निर्धारित छात्र संख्या से अधिक परीक्षार्थी शामिल कर नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। विवि नियमानुसार एक परीक्षा कक्ष में अधिकतम 30 परीक्षार्थी की बैठक व्यवस्ता होनी चाहिए परंतु अधिकांश परीक्षा केंद्रों में प्रति कक्ष 40-45 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल किये जा रहे है। वही 25 परीक्षार्थियों के अंतराल में एक परीक्षक की ड्यूटी होनी चाहिए। लेकिन 40 विद्यार्थियों पर एक परीक्षक की ड्यूटी दी जा रही है। बहरहाल विवि की परीक्षा आयोजन पर कई तरह के सवाल उठने लगे है।