दिग्विजय ने गिनाई अपने शासनकाल की उपलब्धियां, पंचायती राज व्यवस्था को बताया शिव सरकार से बेहतर
अपने शासनकाल की उपलब्धियां बताने की श्रृंखला में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को पंचायती राज व्यवस्था में किए गए अपने उल्लेखनीय कार्यों को लेकर लगातार पांच ट्वीट किए ।;
अपने शासनकाल की उपलब्धियां बताने की श्रृंखला में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को पंचायती राज व्यवस्था में किए गए अपने उल्लेखनीय कार्यों को लेकर लगातार पांच ट्वीट किए । दिग्विजय सिंह ने लिखा कि कांग्रेस सरकार ने 1993 - 2003 के बीच मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था लागू की। मेरे मुख्यमंत्रित्व काल में 73वें व 74वें संविधान संशोधन के तहत पंचायत राज कायम करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना। हमारे कार्यकाल में ग्राम स्वराज की व्यवस्था लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य बना। पारदर्शी प्रशासन के लिए ग्राम संपर्क अभियान चलाने वाला और प्रदेश को ई-प्रशासन के द्वारा हर गांव का डाटा ऑनलाइन करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बनाया।
अपने टवीट में वर्तमान पंचायती राज व्यवस्था पर पूर्व मुख्यमंत्री ने शिवराज सरकार पर सवाल भी खड़े किए. उन्होंने पूछा कि क्या कारण है कि कांग्रेस सरकार ने मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत को असीमित अधिकार देकर एक विकेंद्रीकृत व्यवस्था लागू की थी उसे भाजपा सरकार ने पूरी तरह ध्वस्त क्यों कर दिया। हमारी सरकार के समय अधिकार संपन्न रहे सरपंच, जनपद अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्ष सिर्फ डाकिए बनकर रह गए हैं? भाजपा सरकार ने विकेंद्रीकृत व्यवस्था को केंद्रीकृत करते हुए सारे अधिकार जनप्रतिनिधियों से छीनकर शासकीय अधिकारियों को क्यों दे दिए?पंचायतों द्वारा विभिन्न योजनाओं पर किए जा रहे कार्यों के भुगतान एक पोर्टल द्वारा भोपाल से अधिकृत करने के बाद किए जा रहे हैं? क्या कमिशन के हिस्से को बढ़ाने के लिए जबरिया भोपाल से स्वीकृत कराने की व्यवस्था नहीं है।
साक्षरता पर गिना चुके हैं उपलब्धियां
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इससे पहले साक्षरता पर किए गए अपने उल्लेखनीय कार्यों की उपलब्धियां भी बता चुके हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर वर्ष 1993 से 2003 तक अपने शासनकाल में साक्षरता दर में हुई वृद्धि का उल्लेख किया था। उन्होंने लिखा था कि हमारी सरकार ने अपने विजन पर मिशन की तरह काम करके प्रदेश के नागरिकों को साक्षर बनाने के प्रयास में शिक्षा गारंटी योजना लागू की जिससे मध्यप्रदेश की साक्षरता दर में 19 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि हुई। राजीव गांधी शिक्षा मिशन, पढ़ना बढ़ना व शिक्षा गारंटी जैसी योजनाओं पर पुरुष साक्षरता दर में 18 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की, वहीं महिलाओं की शिक्षा में मध्यप्रदेश की महिला साक्षरता दर में 21% का उछाल देखने को मिला। हम अविभाजित मध्यप्रदेश की साक्षरता दर को एक दशक में सीमित संसाधनों के बावजूद 19% आगे ले गए, परंतु क्या कारण है कि दो दशक की भाजपा सरकार में तमाम साधनों, संसाधनों व भारी बजट के बाद भी प्रदेश की साक्षरता दर में मामूली बढ़ोत्तरी हुई है।