पहले की सरकारों के एजेंडे में नहीं था किसान और गरीब का विकास : योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां गुरुवार को भदोही में कार्पेट एक्सपो मार्ट का लोकार्पण किया;
भदोही। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां गुरुवार को भदोही में कार्पेट एक्सपो मार्ट का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों के एजेंडे में किसान और गरीब का विकास नहीं था। मुख्यमंत्री ने भदोही के कालीन उद्योग को संसार में पहचान दिलाने के लिए हस्तशिल्पियों का आभार जताते हुए विपक्ष पर भी निशाना साधा। योगी ने कहा कि सरकार यूपी के सभी जिलों के विकास के लिए काम कर रही है। इसी सोच के तहत प्रदेश सरकार कार्य कर रही है। जबकि विकास के बारे में पूर्व की सरकारों की सोच एकांगी और सीमित थी। उनके एजेंडे में किसान, गरीब और युवाओं का विकास तो था ही नहीं। इसलिए किसानों को पहले एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) नहीं मिला, गरीबों को मकान और रसोई गैस का कनेक्शन नहीं दिया। शौचालयों का निर्माण नहीं कराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ था। तब से लेकर 2014 तक की सरकारों के एजेंडे में जाति थी, परिवार था, क्षेत्र था। मत और मजहब के आधार पर सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने का एजेंडा था। इसीलिए किसानों को सम्मान निधि नहीं दी गई, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया गया। ये लोग भारत को मजबूत नहीं, बल्कि मजबूर बनाए रखना चाहते थे।
मुख्यमंत्री ने भदोही के लोगों की तारीफ की। उनका आभार जताया और कहा कि औद्योगिक विकास की राह पर नए उत्तर प्रदेश का यह नया भदोही है। जिले के कालीन कारोबारियों, हस्तशिल्पियों के हुनर ने जिले का नाम संसार में विख्यात किया है। बिना किसी सरकारी मदद के यहां के कालीन कारोबारियों और हस्तशिल्पियों ने कालीन निर्यात में अपना लोहा संसार में मनवाया है। भदोही से होने वाला 4000 करोड़ का कालीन निर्यात इसका सबूत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने बलबूते पर भदोही के कालीन कारोबार को इतनी ऊंचाई पर पहुंचाने वाले यहां के हस्तशिल्पियों का अभिनंदन करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है। मुख्यमंत्री ने दस से अधिक परियोजनाओं का लोकार्पण और पांच से अधिक विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के 11 लाभार्थियों को चेक और टूल किट भी इस अवसर पर दिए।
मुख्यमंत्री ने एक जिला एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) का जिक्र करते हुए कहा, " मैं धन्यवाद देता हूं उप्र के पूर्वजों को, जिन्होंने राज्य के हर जिले और क्षेत्रों को विशिष्ट पहचान देते हुए आगे की पीढ़ी के लिए स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त किया। यही विशिष्टता आज यूपी सरकार के प्रयासों से 'एक जनपद-एक उत्पाद' योजना के माध्यम से संरक्षित एवं संवर्धित हो रही है। आज राज्य के हर जिले की उसके उत्पाद को लेकर एक पहचान है। स्वदेशी और स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश में यह किया जा रहा है, जिसके चलते दीपावली में इस बार लोगों ने स्थानीय स्तर पर बनाए दिए जलाए। ओडीओपी आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश और आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद बनेगा।"