तेज बारिश भी नहीं रोक सकी डीबी पावर के खिलाफ धरना
तेज बारिश के बावजूद डीबी पावर के खिलाफ प्रभावित गांव के ग्रामीण आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार धरना स्थल पर पहुँचे ओर दो दिवसीय भूख हड़ताल प्रारम्भ किया;
ग्रामीण आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार
रायगढ़। तेज बारिश के बावजूद डीबी पावर के खिलाफ प्रभावित गांव के ग्रामीण आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार धरना स्थल पर पहुँचे ओर दो दिवसीय भूख हड़ताल प्रारम्भ किया। प्रबंधन के रवैये से स्थानीय ग्रामीण काफी आक्रोश में दिखे ओर आर पार की लड़ाई की बात कही ।
जनाक्रोश का कारण प्रबंधन के जनसंपर्क विभाग की हठधर्मिता और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार मन जा रहा है । धरने स्थल पर बैठे ग्रामीणों की ओर से रोहन ने बताया कि उद्योग की नींव लगने के पहले भूस्वामियों को दिवास्वप्न दिखाए गए । ऐसे कई भूस्वामी है जिनकी जमीन पर प्लान्ट खड़ा है लेकिन उनका मुआवजा नही मिला है। प्रबंधन से जुड़े लोगों ने प्रभवितो की अज्ञानता का लाभ उठाकर उनके खाते से पैसे का आहरण कर लिया है । इसके अलावा स्थानीय लोगो को रोजगार से वंचित किया जा रहा है । ग्रामीण जमीन से बेदखल होने की वजह से खेती से भी वंचित हो गए और उन्हें नोकरी नही दी गई । जल प्रदूषण व वायु प्रदूषण के वजह से आसपास के लोगो का जन जीवन प्रभावित हो रहा है। खेतो में काली वर्षा हो रही है जिससे फसले खराब हो रही है । सड़को की दुर्दशा की वजह से आये दिन दुर्घटनाएं बढ़ रही है द्य प्रबंधन द्वारा सीएसआर की राशि केवल कागजो में खर्च की जा रही है द्य सीएसआर के तहत 52 करोड़ रुपये की राशि प्रभावित गावो की बुनियादी आवश्यकता सड़क बिजली पानी स्वास्थ्य मे खर्च की जानी है । व्यय की गई राशि का भौतिक सत्यापन की मांग भी आंदोलनरत ग्रामीणों ने की है। आक्रोशित गांव वासियो ने कहा कि अब वे उद्योग प्रबंधन के झांसे में नही आने वाले है ।
वे अब आर पार की लड़ाई के मूड में है । राखड़ युक्त पानी भी प्राकृतिक नालो में मिल रहा है जिससे पेयजल व खेती हेतु पानी प्रदूषित हो रहा है । उद्योग प्रबंधन पर से स्थानीय लोगो का विश्वास उठ चुका है । आने वाले दिनों में उनकी समस्या का हल नही किया गया तो वे आर्थिक नाकेबंदी का रास्ता अख्तियार करेंगे चाहे उन्हें जेल की क्यो न जाना पड़े द्य आने वाली पीढ़ी का जीवन बर्बाद देखना नही चाहते।
आज दो दिवसीय भुख हड़ताल के पहले दिन धरने पर रहे । इसके अलावा टुण्ड्री व आसपास के प्रभावित गावो के सैकड़ो लोगों ने धरने में शामिल होकर अपना विरोध दर्ज कराया ।
आज के कार्यक्रम में भूख हड़ताल पर बैठे रूप धिहरे और पूरन यादव के साथ सहयोगियों की एक सेना तैनात रही जिसमें मुख्य रूप से रोहित साहू, भागवत डनसेना, लक्ष्मी प्रसाद, पुनीता, राजू उनसेना, नेतराम उनसेना, करन यादव, वीरेंद्र उरांव, मनोज उरांव, संजय उरांव, पंचम महंत, राजेश महंत, सूरतलाल, मोहनदास महंत, केवल साहू, सूरज घिर्रे, दिनेश साहू, लक्ष्मी प्रसाद रात्रे, कैलाश उनसेना, रमेश साहू, रमेश उनसेना, पिंताबर राठिया, राम बिहारी, शिव उरांव, ताराचंद उरांव, अवध राठिया, दिनेश उरांव, दिनेश, योगेश, मोहन उरांव, बालकराम उरांव, बलराम साहू, गजानंद साहू, सेतराम साहू, डोल नारायण, दुले कुमार साहू, देवराज साहू, द्वारिका माहेश्वरी, उज्लाल साहू, गोवर्धन धिहरे, राकेश धिहरे, दुरगाचरण,गोपाल डनसेना, अजीत राठिया, सरोज डनसेना, मदन साहू और उसदा राठिया शामिल रहे।
प्रबंधन पर मनमानी का आरोप
अमूमन प्रकृति का प्रकोप धरना आंदोलन के कार्यक्रम में बाधा बनता है । प्रबंधन में तेज वर्षा को देख कोई पहल नही की। आक्रोशित गाँव वाले पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत उद्योग प्रबंधन के मनमानी के खिलाफ अपना आगाज कर ही दिया।