महिला दिवस पर महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की मांग
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज विधायिका में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए महिला आरक्षण विधेयक पारित करने तथा उन्हें घरेलू हिंसा से निजात दिलाकर उनका सशक्तीकरण करने की मांग की गई;
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज विधायिका में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए महिला आरक्षण विधेयक पारित करने तथा उन्हें घरेलू हिंसा से निजात दिलाकर उनका सशक्तीकरण करने की मांग की गयी।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तथा अन्य नेताओं ने इस अवसर पर महिलाओं को बधाई देते हुए देश में उनके सशक्तीकरण पर जोर दिया।
राज्यसभा में सदस्यों ने एक स्वर में संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने और समाज की मानसिकता में बदलाव की मांग करते हुये कहा कि महिलाओं को समानता एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए एकजुटता से प्रयास किये जाने चाहिए।
सभापति एम. वेंकैया नायडू ने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुये महिला सदस्यों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि समाज को महिलाओं के लिए सुरक्षा एवं समानता उपलब्ध कराने पर जोर देना चाहिये। परिवार में लड़का-लड़की में भेद नहीं किया जाना चाहिये और समाज के स्तर पर लैंगिक संवदेनशीलता लायी जानी चाहिये।
सदस्यों की मांग पर श्री नायडू ने कहा कि राज्यसभा के पैनल में कम से कम एक महिला सदस्य को लाने के उपाय जल्दी किए जायेंगे।
कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग की। यह विधेयक राज्यसभा में पारित हो चुका है, लेकिन लोकसभा में लंबित है। संसद महिलाओं काे 33 प्रतिशत आरक्षण देने का संकल्प तो कम से कम पारित कर सकती है। कांग्रेस की ही कुमारी शैलजा और रजनी पाटिल ने भी यही मांग की।