उपराज्यपाल से दिल्ली के 89 ग्रामीण गांवों को अविलम्ब शहरीकृत गांव घोषित करने की मांग
सुस्त पड़े प्रशासनिक कामकाज को देखते हुए अब मांग होने लगी है कि उपराज्यपाल अनिल बैजल दिल्ली सरकार के मुखिया होने के नाते 89 ग्रामीण गांवों को शहरीकृत गांव घोषित करने के प्रस्तावकी अधिसूचना जारी करें;
नई दिल्ली। दिल्ली में सुस्त पड़े प्रशासनिक कामकाज को देखते हुए अब मांग होने लगी है कि उपराज्यपाल अनिल बैजल दिल्ली सरकार के मुखिया होने के नाते 89 ग्रामीण गांवों को शहरीकृत गांव घोषित करने के प्रस्तावकी अधिसूचना जारी करें।
तर्क है कि यह प्रस्ताव दिल्ली सरकार के पास दो वर्षों से लम्बित है और अभी तक इन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि उत्तरी दिल्ली तथा दक्षिणी दिल्ली नगर निगमों द्वारा यह प्रस्ताव पारित कर वर्ष 2015 में दिल्ली सरकार को यह प्रस्ताव भेजे थे और इन गांवों को नगर निगम अधिनियम की धारा 507 के अन्तर्गत दिल्ली सरकार द्वारा शहरीकृत घोषित किया जाना था लेकिन कुछ नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि इन इलाकों के गांवों में अनधिकृत बस्तियां बनती जा रही हैं इसलिए विकास के लिए जरूरी हो गया है कि शीघ्र ही अधिसूचना जारी की जाए।
श्री गुप्ता ने कहा संविधान के अनुसार भूमि का विषय केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है। इसलिए दिल्ली सरकार को ग्रामीण गांवो को शहरीकृत गांव घोषित न करने की स्थिति में उपराज्यपाल अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए दिल्ली सरकार की अनुशंसा के बिना इन ग्रामीण गांवों को शहरीकृत गांव घोषित करने संबंधी नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अधिकृत हैं।
विपक्ष के नेता ने जानकारी दी कि फरवरी मार्च माह में दिल्ली विकास प्राधिकरण की बैठक में ग्रामीण गांवों को शहरीकृत गांव घोषित करने के मामले को जोरशोर से उठाया था। तब अधिकारियों ने जल्द फैसला लेकर कार्यवाही का भरोसा दिया था।