एसआईआर के मुद्दे पर सदन में गरजे संजय सिंह, कहा-मताधिकार से छेड़छाड़ सहन नहीं की जाएगी
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा की कार्यवाही में स्पष्ट शब्दों में आगाह किया कि SIR (Special Intensive Revision- एसआईआर) के नाम पर जो कार्यवाही देशभर में चल रही है वह मतदाता-सूची “सुधार” नहीं बल्कि वोटरों की प्रणालीगत सफाई और वोट चोरी की साजिश है;
- एसआईआर के नाम पर वोटरों की सफाई कर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है— संजय सिंह
- वोटर लिस्ट नहीं, वोटर ही साफ़ किए जा रहे हैं: संजय सिंह
- चुनाव आयोग राजनीतिक एजेंसी नहीं, संविधान का पालन करे — संजय सिंह
- दिल्ली में 42,000 वोट कटे, बिहार में 65 लाख वोट काटे गए — जवाब दे चुनाव आयोग: संजय सिंह
- बीजेपी एसआईआर के ज़रिए वोट चोरी कर रही है, देश देख रहा है— संजय सिंह
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा की कार्यवाही में स्पष्ट शब्दों में आगाह किया कि SIR (Special Intensive Revision) के नाम पर जो कार्यवाही देशभर में चल रही है वह मतदाता-सूची “सुधार” नहीं बल्कि वोटरों की प्रणालीगत सफाई और वोट चोरी की साजिश है; सरकार और चुनाव आयोग को इस पूरे अभियान के ठोस, नाम-वार और क्षेत्र-वार आंकड़े जनता के सामने पेश करने होंगे, अन्यथा विपक्ष और नागरिक समाज इसके विरुद्ध कड़े कदम उठाएंगे।
राज्यसभा में बोलते हुए संजय सिंह ने कहा कि जिस देश के लिए भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, राम प्रसाद बिस्मिल, खुदीराम बोस, अशफ़ाक़उल्ला जैसे शहीदों ने कुर्बानी दी और जिसका संविधान बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने नागरिकों के समान मताधिकार के सिद्धांत पर बनाया, वहाँ किसी भी रूप में मताधिकार से छेड़छाड़ सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने सदन में प्रश्न उठाया कि क्या SIR के माध्यम से वास्तव में मतदाता-सूची को शुद्ध करना मकसद है या लक्षित वोटरों को हटा कर राजनीतिक फायदे हासिल करना लक्ष्य है। संजय सिंह ने संवैधानिक धारा 327 और लोकप्रतिनिधित्व कानून 1950 के हवाले से स्मरण कराया कि चुनाव आयोग के अधिकार संवैधानिक सीमाओं के भीतर हैं और किसी भी बड़े पैमाने पर एकतरफा कार्रवाई से पहले स्पष्ट कानूनी आधार, पारदर्शी प्रक्रियाएँ और संसद का मार्गदर्शन अनिवार्य है।
संजय सिंह ने दिल्ली के उदाहरण का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली की नई दिल्ली विधानसभा में चुनाव शुरू होने से पहले 42,000 मतदाता नाम अचानक काट दिए गए — यह आकड़ा हमारे पास है और हमने इस पर चुनाव आयोग को लिखित शिकायत भी भेजी है। उन्होंने कहा कि इसी तरह बिहार में SIR के नाम पर बड़े पैमाने पर वोट कटौती की घटनाएँ सामने आई हैं और ये कटौतियाँ लोकतंत्र की जड़ों को हिला रही हैं; अगर इन कटौतियों का औचित्य नहीं बताया गया तो बहुमत-प्राप्ति के लिए चुनाव प्रक्रिया में घपला सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि ईवीएम व लेन-देने और मतगणना की पारदर्शिता पर उठाए गए पुराने सवालों का स्मरण करते हुए यह प्रश्न भी उठाया कि जब देशों के अनेक न्यायिक व संसदीय विमर्शों में ईवीएम पर शक और प्रतिबंध की आवाजें उठी हैं तो भारत में भी पारदर्शिता और भरोसेमंद तंत्र सुनिश्चित करना क्यों नहीं चाहा जा रहा।
संजय सिंह ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार से स्पष्ट माँग रखी कि एसआईआर के तहत किसी भी इलाके में नाम हटाए जाने या कटौती किए जाने के पूरे विवरण — नाम-वार, बूथ-वार और कारण-वार — सार्वजनिक किए जाएँ और जिन बीएलओ (Booth Level Officers) पर दबाव पड़ा या जिनकी जान गई, उनके प्रति संवैधानिक श्रद्धांजलि के साथ उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ। आप सांसद ने यह भी सवाल उठाया कि डिटेंशन सेंटर और “घुसपैठियों” की कहानियों को चुनावी मुद्दे के रूप में उभार कर जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है, जबकि सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा और बेरोज़गारी जैसे बुनियादी मुद्दों पर जवाबदेही और संसाधन देने में विफल रहती है — सरकार को बताना चाहिए कि 11 वर्षों में कितने विदेशी नागरिकों की पहचान कर प्रत्यर्पित किया गया, और जिन 65 लाख कटौती-आंखों के दावे हैं, उनमें वास्तविक संख्या क्या है।
आप के वरिष्ठ नेता ने सदन में यह स्पष्ट कर दिया कि चुनाव आयोग राजनीतिक गणना करने वाला निकाय नहीं है और न ही वह कभी किसी राजनीतिक पार्टी का बेंचमार्क बन सकता है; यदि आयोग अपनी सीमाओं से परे जाकर पूरे देश में एकतरफा एसआईआर लागू कर रहा है तो वह अपने संवैधानिक दायित्वों का ग़लत उपयोग कर रहा है। संजय सिंह ने कहा कि ऐसी मनमानी के खिलाफ आम आदमी पार्टी संसद और न्यायिक रास्ता दोनों अपनाएगी तथा ज़रूरत पड़ी तो लोकतंत्र बचाने के लिए सड़क से आवाज़ भी उठाई जाएगी।
संजय सिंह ने यह भी कहा कि आप ने चुनाव आयोग को कई मामलों में लिखित शिकायतें दी हैं और सभी प्रमाण आयोग के समक्ष रखे जा चुके हैं; आयोग से अपेक्षा है कि वह समय रहते पारदर्शी और सटीक जवाब दे ताकि चुनाव प्रक्रिया की संप्रभुता और मतदाता-विश्वास बहाल रहे। संजय सिंह ने यह भी सरकार से स्पष्ट करने के लिए कहा कि यदि किसी विशेष क्षेत्र में नाम हटाने का कारण था तो उसका सार्वजनिक ब्यौरा तात्कालिक रूप से रखे जाए।
इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से आम आदमी पार्टी देश की जनता से अपील करती है कि वह अपने मताधिकार के प्रति जागरूक रहे और किसी भी प्रकार के मताधिकार-उल्लंघन के विरुद्ध आवाज़ उठाने से न हिचकिचाए; पार्टी प्रदेश-स्तर और बूथ-स्तर पर जनता को सूचना प्रदान करेगी और विधिक अवसरों को सक्रिय रूप से तलाशेगी ताकि लोकतंत्र का हर नागरिक को दिया गया भरोसा सुरक्षित रहे।
अंत में संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी पुनः सरकार और चुनाव आयोग से मांग करती है कि SIR के नाम पर होने वाली किसी भी कार्रवाई का पूरा लेखा-जोखा सार्वजनिक कर दिया जाए; अन्यथा विपक्ष मजबूर होकर अधिक कड़े संवैधानिक, विधिक और जनआन्दोलनात्मक विकल्प अपनाएगा ताकि हर नागरिक का मताधिकार सुरक्षित बना रहे।