राजीव प्रताप रूडी का हमला: विपक्ष ने अब तक नहीं लिया सबक

भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर विपक्ष की तरफ से विरोध किए जाने पर आपत्ति जताई;

Update: 2025-12-01 18:11 GMT

एसआईआर पर विरोध को लेकर भाजपा सांसदों ने विपक्ष को घेरा

  • रूडी बोले-बिहार हार से भी सबक नहीं ले रहा विपक्ष
  • गिरिराज सिंह का तंज: मोदी नेतृत्व में लोकतंत्र मजबूत, विपक्ष भटकाव में

नई दिल्ली। भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने सोमवार को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर विपक्ष की तरफ से विरोध किए जाने पर आपत्ति जताई।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों ने बिहार विधानसभा चुनाव में हुई हार से कोई सबक नहीं लिया है। अगर लिया होता, तो आज इस तरह की स्थिति पैदा नहीं हुई होती। जिस तरह से बिहार में प्रदेश की जनता ने विपक्ष के लोगों को सिरे से खारिज कर दिया और उन्हें इस बात का एहसास दिला दिया कि अब भारतीय राजनीति में उनके लिए कोई संभावना नहीं बची है। दुर्भाग्य की बात है कि इतना सबकुछ हो जाने के बावजूद भी यह लोग सबक नहीं ले रहे हैं।

भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच हमेशा से ही व्यवस्थित रहती है। उनके अंदर देश का नेतृत्व करने की असीम क्षमता है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष को भी सलाह दी है। अब यह विपक्ष पर निर्भर करता है कि वो सलाह सुनने के लिए तैयार हैं या नहीं।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधते हुए कहा कि वो अपनी पार्टी के शीर्ष नेता के इशारे पर काम करने पर आमादा हो चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लोकतंत्र और अर्थतंत्र दोनों मजबूत हुए हैं। यह देश के लिए गर्व का विषय है। विपक्ष अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की जगह अलग ट्रैक पर चल रहा है।

लोजपा (आर) सांसद शांभवी चौधरी ने एसआईआर पर विरोध को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता पिछले संसद के सत्र से ही एसआईआर का विरोध कर रहे हैं। इससे पहले भी इसी विरोध की वजह से संसद के सत्र को कई बार रद्द कर दिया गया था। विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए चुनाव आयोग की तरफ से भी कई बार यह कहा जा चुका है कि अगर आपको मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की विसंगति नजर आती है, तो आप विधिवत तरीके से हमें लिखित में शिकायत दीजिए। लेकिन, अफसोस विपक्षी दलों की ओर से अब तक ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि एसआईआर को लेकर विपक्षी दलों की ओर से विरोध का सिलसिला थम नहीं रहा है। संसद का पिछला सत्र भी इन लोगों ने इसी विरोध-प्रदर्शन में बर्बाद कर दिया था। अब देश की जनता के मन में विपक्षी दलों के इन विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए यही सवाल बार-बार उठ रहा है कि जब कभी भी घुसपैठियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कड़ी कार्रवाई की बात आती है, तो विपक्ष के लोग घुसपैठियों के समर्थन में मोर्चा क्यों संभाल लेते हैं।

उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद मंदिर कहलाता है। जहां पर देश के कोने-कोने से सांसद चुनकर आते हैं, ताकि वो अपने स्थान के लोगों के मुद्दे को उठा सकें। यह दुर्भाग्य की बात है कि विपक्ष के रवैये की वजह से कई सार्थक मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाती है। एक मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह जरूरी हो जाता है कि एक सुदृढ़ विपक्षी दल मौजूद हो। 

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