सिगरेट-तंबाकू उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने संबंधी विधेयक को मिली संसद की मंजूरी
तंबाकू तथा तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने संबंधी केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 को गुरुवार को संसद की मंजूरी मिल गयी;
तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने संबंधी विधेयक को संसद की मंजूरी
नई दिल्ली। तंबाकू तथा तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने संबंधी केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 को गुरुवार को संसद की मंजूरी मिल गयी।
विधेयक पर करीब साढ़े तीन घंटे की चर्चा और उस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब के बाद राज्यसभा ने बिना किसी संशोधन के इसे लोकसभा को लौटने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। इसे बुधवार को लोकसभा की मंजूरी मिल गयी थी।
चर्चा के दौरान विपक्ष ने इसे जहां राजस्व वसूली का प्रयास बताते हुए विधेयक की आलोचना की, वहीं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसे जन स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि दुनिया में 80 देश सिगरेट की कीमतों को निरंतर बढ़ाते रहते हैं ताकि इसके उपयोग को हतोत्साहित किया जा सके। भारत भी विश्व स्वास्थ्य संगठन के सिगरेट महंगाई सूचकांक के मानकों के अनुसार इस पर कर एवं शुल्क की दरों में संशोधन करता है।
इस विधेयक का उद्देश्य केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 में संशोधन करना है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद उसके तहत तंबाकू और तंबाकू उत्पादों पर उपकर लगाया गया था। इस कारण इन पर उत्पाद शुल्क में बड़ी कटौती की गयी थी। अब जीएसटी में राज्यों को क्षतिपूर्ति के पूर्ण भुगतान के बाद उपकर का प्रावधान समाप्त हो जायेगा। इसलिए, संशोधन के जरिये इन पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।