केरल में भी वोटर लिस्ट हेराफेरी का 'महाराष्ट्र मॉडल' : चेन्नीथला
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा है कि केरल राज्य चुनाव आयोग आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची में हेराफेरी के 'महाराष्ट्र मॉडल' की तर्ज पर सत्तारुढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को सियासी फायदा देने की कोशिश कर रहा है;
तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा है कि केरल राज्य चुनाव आयोग आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची में हेराफेरी के 'महाराष्ट्र मॉडल' की तर्ज पर सत्तारुढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को सियासी फायदा देने की कोशिश कर रहा है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) कार्यसमिति के सदस्य चेन्नीथला ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने 23 जुलाई को नवीनतम मतदाता सूची प्रकाशित की है पर इसे लेकर ढेरों शिकायतें सामने आई हैं। उन्होंने कहा, "कई वार्डों में, मतदाताओं को मनमाने ढंग से दूसरे वार्डों में भेज दिया गया है, और कई मतदाताओं के नाम पूरी तरह से गायब हैं।"
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा ने मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेराफेरी करके अवैध जीत हासिल की। इसी तर्ज पर बिहार में भी जीत हासिल करने के लिए लाखों मतदाताओं को सूची से हटाने कथित रणनीति अपनाई गई है।
उन्होंने आरोप लगाया, "केरल में माकपा अब इन हथकंडों का गहन अध्ययन और उन्हें अमल में ला रही है। इसमें उन्हें केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से सहयोग मिल रहा है।"
चेन्नीथला ने आगे कहा कि लोकसभा चुनावों के लिए पहले प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या 1,100 तक सीमित थी, जो अब बढ़ाकर 1,300 कर दी गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे मतदान में देरी और दूसरी गड़बड़ियां हो सकती हैं। इसके अलावा, वार्डों का दोबारा गठन कथित तौर पर माकपा के पक्ष में किया गया है। इन मुद्दों के संबंध में शिकायत दर्ज कराने की 15 दिन की अवधि बहुत कम है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा है कि केरल राज्य चुनाव आयोग आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची में हेराफेरी के 'महाराष्ट्र मॉडल' की तर्ज पर सत्तारुढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को सियासी फायदा देने की कोशिश कर रहा है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) कार्यसमिति के सदस्य चेन्नीथला ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने 23 जुलाई को नवीनतम मतदाता सूची प्रकाशित की है पर इसे लेकर ढेरों शिकायतें सामने आई हैं। उन्होंने कहा, "कई वार्डों में, मतदाताओं को मनमाने ढंग से दूसरे वार्डों में भेज दिया गया है, और कई मतदाताओं के नाम पूरी तरह से गायब हैं।"
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा ने मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेराफेरी करके अवैध जीत हासिल की। इसी तर्ज पर बिहार में भी जीत हासिल करने के लिए लाखों मतदाताओं को सूची से हटाने कथित रणनीति अपनाई गई है।
उन्होंने आरोप लगाया, "केरल में माकपा अब इन हथकंडों का गहन अध्ययन और उन्हें अमल में ला रही है। इसमें उन्हें केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से सहयोग मिल रहा है।"
चेन्नीथला ने आगे कहा कि लोकसभा चुनावों के लिए पहले प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या 1,100 तक सीमित थी, जो अब बढ़ाकर 1,300 कर दी गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे मतदान में देरी और दूसरी गड़बड़ियां हो सकती हैं। इसके अलावा, वार्डों का दोबारा गठन कथित तौर पर माकपा के पक्ष में किया गया है। इन मुद्दों के संबंध में शिकायत दर्ज कराने की 15 दिन की अवधि बहुत कम है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए।
शोभित जितेन्द्र