गिग वर्कर्स हड़ताल पर, डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े कर्मचारियों ने फिक्स सैलरी और सुरक्षा की उठाई मांग

प्रमुख डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को कई शहरों में गिग वर्कर्स ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसी बीच, डिलीवरी पार्टनर्स का कहना है कि उनसे 14 घंटे तक काम लिया जाता है, लेकिन उसके हिसाब से कंपनियां पैसा नहीं देती हैं;

By :  IANS
Update: 2025-12-31 07:51 GMT

डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स ने फिक्स सैलरी और सुरक्षा की मांग उठाई

नई दिल्ली। प्रमुख डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े वर्कर्स का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को कई शहरों में गिग वर्कर्स ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसी बीच, डिलीवरी पार्टनर्स का कहना है कि उनसे 14 घंटे तक काम लिया जाता है, लेकिन उसके हिसाब से कंपनियां पैसा नहीं देती हैं।

दिल्ली में समाचार एजेंसी से बातचीत में एक डिलीवरी ब्वॉय ने कहा, "घंटों तक ऑर्डर नहीं मिलते हैं। कड़ाके की ठंड में काम पर आने के बावजूद ऑर्डर न मिलना एक बड़ी समस्या है।"

उन्होंने मांग की कि हमारी सैलरी फिक्स होनी चाहिए या प्रति किलोमीटर का रेट तय होना चाहिए। ड्यूटी इतनी लंबी होती है कि अगर आप दोपहर 12 बजे लॉग इन करते हैं, तो आपको रात 11-11:30 बजे के आसपास लॉग आउट करना पड़ता है। अगर जल्दी लॉग आउट करते हैं तो इंसेंटिव खत्म हो जाते हैं।

एक अन्य डिलीवरी ब्वॉय ने कहा, "स्विगी पूरे दिन ऑर्डर नहीं देती। वे इंसेंटिव दिखाते हैं, लेकिन पूरे दिन में सिर्फ एक ऑर्डर आता है। वे हमसे 14 घंटे की शिफ्ट करवाते हैं, लेकिन हम उतनी कमाई नहीं कर पा रहे हैं जितनी करनी चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा, "अगर हम 14 घंटे की शिफ्ट में काम कर रहे हैं, तो हमें उसी हिसाब से पेमेंट मिलना चाहिए। हमारी मेहनत पर कोई ध्यान नहीं देता। जब हम ऑफिस जाते हैं, तो वे हमें ऑनलाइन काम करने के लिए कहते हैं, लेकिन ऑनलाइन कुछ नहीं होता। अगर हम ऑफिस जाते हैं, तो वे हमें इधर-उधर भेजते रहते हैं। अगर कोई कस्टमर बदतमीजी करता है या कोई एक्सीडेंट होता है, तो कोई जिम्मेदारी नहीं लेता।"

बता दें कि प्रमुख डिलीवरी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़े हजारों गिग वर्कर्स ने बुधवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। यूनियनों ने कहा है कि यह विरोध प्रदर्शन ग्राहकों को असुविधा पहुंचाने के लिए नहीं है, बल्कि गिग वर्कर्स की समस्याओं पर तत्काल ध्यान आकर्षित करने के लिए है। उन्होंने प्लेटफॉर्म कंपनियों से बातचीत करने और उचित वेतन संरचना, सामाजिक सुरक्षा लाभ और पारदर्शी नीतियां लागू करने का आह्वान किया है।

यूनियनों के अनुसार, डिलीवरी पार्टनर्स को ज्यादा घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि प्रति ऑर्डर भुगतान लगातार कम हो रहा है। वर्कर्स ने बीमा कवरेज की कमी, असुरक्षित काम करने की स्थिति, मनमाने जुर्माने और नौकरी की सुरक्षा की कमी के बारे में भी चिंता जताई है। कंपनियों की ओर से 'पार्टनर्स' और भारत की डिजिटल कॉमर्स व्यवस्था की रीढ़ बताए जाने के बावजूद गिग वर्कर्स का कहना है कि उनके साथ गलत व्यवहार किया जाता है।

Full View

Tags:    

Similar News