Delhi News: ठगों ने सरकारी नौकरी की भर्ती निकाल 150 अभ्यर्थियों का किया चयन, जानें क्‍या है मामला

Update: 2025-12-21 08:49 GMT
नई दिल्ली: Delhi News: दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक आपरेशंस (IFSO) यूनिट ने बेरोजगारों को गुमराह कर उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने की कोशिश करने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश कर दो आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और संस्कृति मंत्रालय की हूबहू नकल वाली फर्जी वेबसाइट बनाकर युवाओं को ठगने की योजना बनाई थी। 150 अभ्यर्थियों का चयन कर जयपुर में लिखित परीक्षा भी ले ली गई। लिखित परीक्षा में सफल दिखाकर आरोपित अब उनसे ठगी की कोशिश करते इससे पहले दिल्ली पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर रैकेट का पर्दाफाश कर दिया, जिससे देश भर के हजारों युवा ठगी के शिकार होने से बच गए।

डीसीपी विनीत कुमार के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपित का नाम कुलदीप है वह जयपुर का रहने वाला है और बीकाम, एलएलबी के दूसरे वर्ष का छात्र है। पीयूष भी जयपुर का रहने वाला है और बीटेक (कंप्यूटर साइंस) कर रखा है। इनके पास से दो स्मार्ट फोन, एक लैपटाप, पासबुक, डेस्कटाप कंप्यूटर, एक आईपैड, एक टैबलेट बरामद किया गया। इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने फर्जी सरकारी भर्ती रैकेट का भंडाफोड़ किया है। आरोपितों ने आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया, संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट की नकल करके, एक फर्जी अधिकारिक वेबसाइट से लेकर लिखित परीक्षा आयोजित करने तक सरकारी भर्ती प्रक्रिया का भ्रम पैदा किया।

ठगी के लिए असली सरकारी भर्ती प्रक्रिया की तरह दिखने और अंजान नौकरी चाहने वालों का भरोसा जीतने के लिए वेबसाइट को बेहतर तरीके से डिज़ाइन किया गया था। शुरु में मुख्य आरोपित कुलदीप ने वेब डेवलपर पीयूष को अपने साथ मिलाया और उसकी मदद से, आर्कियोलाजिकल सर्वे आफ़ इंडिया, संस्कृति मंत्रालय के नाम पर असली दिखने वाली एक वेबसाइट बनाई। नकली पोर्टल को एएसआइ और मंत्रालय की वेबसाइटों के अधिकारिक लोगो, कलर स्कीम, लेआउट और फार्मेट का इस्तेमाल करके डिजाइन किया गया था, जिससे यह असली सरकारी वेबसइट दिखता था।

अलग-अलग पदों के लिए भर्ती के विज्ञापन
प्रकाशित किए और एक आनलाइन आवेदन लिंक दिया। फर्ज़ी वेबसाइट और रिक्ति अधिसूचना का लिंक अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए कई कालेज छात्र समूहों, इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म और मैसेजिंग एप्लिकेशन पर बड़े पैमाने पर प्रसारित किया गया। प्रसार और विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए, आरोपितों ने कुछ छात्रों और बिचौलियों को अपने साथियों और नेटवर्क के बीच फर्जी रिक्तियों को बढ़ावा देने के लिए पैसे भी दिए। विज्ञापन के बाद अलग-अलग क्षेत्रों के उम्मीदवारों से सैकड़ों आनलाइन आवेदन प्राप्त हुए। जिनमें 150 अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा के लिए शार्टलिस्ट किया गया। उनक चयन पारिवारिक पृष्ठभूमि और वित्तीय स्थिति की जांच करने के बाद किया गया जिससे आरोपित उन लोगों की पहचान कर उनसे अधिक पैसे वसूल सके।


साक्षात्कार के लिए बुलाने की योजना

युवाओं को विश्वास में लेने के लिए आरोपितों ने जयपुर में एक जाने-माने परीक्षा केंद्र को बुक किया, यह जगह कई सरकारी एजेंसियों द्वारा अधिकारिक परीक्षाएं आयोजित करने के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल की जाती है। लिखित परीक्षा बहुत ही पेशेवर तरीके से आयोजित की गई, जिसमें बैठने की व्यवस्था, प्रश्न पत्र के फार्मेट और परीक्षा प्रोटोकाल सहित असली सरकारी परीक्षाओं के पैटर्न, संरचना और प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन किया गया। इस विस्तृत तैयारी ने शक को खत्म कर दिया और उम्मीदवारों का भर्ती प्रक्रिया की वैधता पर विश्वास मजबूत किया। योजना के अनुसार आरोपितों ने 50 प्रतिशत उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा में सफल घोषित करने और बाद में उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाने की योजना बनाई थी। चुने गए अभ्यर्थियों से सरकारी पदों के लिए गारंटी क्लियरेंस और नियुक्ति पत्रों के बदले में पैसे की मांग की जाती। इससे पहले रैकेट का भंडाफोड़ हो गया।

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