कर्नाटक की गृहलक्ष्मी योजना पर हंगामा, नकवी ने कांग्रेस नेतृत्व को ठहराया जिम्मेदार
कांग्रेस शासित कर्नाटक राज्य में गृहलक्ष्मी योजना को लेकर हंगामा देखने को मिल रहा है;
मुख्तार अब्बास नकवी बोले नकारात्मक नेतृत्व से कांग्रेस के भीतर मचा हाहाकार
- राहुल गांधी पर हमला, भाजपा प्रवक्ता ने हिट एंड रन राजनीति का लगाया आरोप
- राजनीतिक प्रदूषण पर चर्चा की जरूरत, नकवी ने संवैधानिक मूल्यों के क्षरण पर जताई चिंता
- अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में बढ़ी राजनीतिक हिस्सेदारी, विपक्ष भी मान रहा बदलाव
नई दिल्ली। कांग्रेस शासित कर्नाटक राज्य में गृहलक्ष्मी योजना को लेकर हंगामा देखने को मिल रहा है। योजना के तहत नियमित राशि का भुगतान नहीं होने पर गुरुवार को भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पर निशाना साधा।
भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, "एक के बाद एक करके कांग्रेस के घर में जो घमासान दिखाई पड़ रहा है, उसका एक ही कारण है कि अगर नेतृत्व खुद नकारात्मक रहेगा, तो खुद उनके घर में हाहाकार, हंगामा और हुड़दंग मचा रहेगा। जो कुछ भी कर्नाटक में हो रहा है, इसी का प्रभाव देखने को मिल रहा है। उसमें भी उठा-पटक दिखाई दे रही है। अपना घर उनसे संभाला नहीं जा रहा है और मोहल्ले में बचाओ-बचाओ का शोर मचा रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि एक चीज बिल्कुल साफ है कि कांग्रेस पार्टी और उनके नेता राहुल गांधी हिट एंड रन के हुल्लड़ का कुल्हड़ बन गए हैं। अब अगर कोई ऐसा बन जाए, तो बाउंड्री के अंदर रहेगा तो नो बॉल करेगा और बाउंड्री के बाहर जाएगा तो बाउंसर मारेगा। संवैधानिक मूल्यों और मर्यादाओं से जुड़े हुए सवाल पर जिस प्रकार से वे व्यवहार और दुष्प्रचार कर रहे हैं, वो गलत है। वे देश में रहते हैं, तो भी दुष्प्रचार और बाहर जाते हैं तो भी देश के बारे में नकारात्मक बातें फैलाते हैं। इसलिए मैं कह रहा हूं कि वह हिट एंड रन के हुल्हड़ के कुल्हड़ बनते जा रहे हैं।
उन्होंने प्रदूषण पर चर्चा को लेकर कहा, "प्रदूषण पर चर्चा होनी चाहिए और उसका समाधान भी होना चाहिए। इसके साथ ही राजनीतिक प्रदूषण पर भी चर्चा होनी चाहिए। ऐसे कौन से लोग हैं, जो राजनीतिक प्रदूषण फैला रहे हैं, देश के संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रदूषित करने का काम कर रहे हैं।"
नकवी ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त करने के सवाल पर कहा, "370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोग विकास के भागीदार बने हैं। साथ ही लोगों की राजनीतिक हिस्सेदारी भी बढ़ी है। विपक्ष के लोग भी इसे स्वीकार कर रहे हैं और समझ रहे हैं।