इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल होने पर कांग्रेस नेताओं ने सरकार को घेरा, संसद में चर्चा की मांग

इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल होने और इससे यात्रियों को होने वाली परेशानी को लेकर कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर तीखा हमला बोला है;

Update: 2025-12-10 02:32 GMT

नई दिल्ली। इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल होने और इससे यात्रियों को होने वाली परेशानी को लेकर कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का कहना है कि इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए, ये छोटा मामला नहीं है।

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इस मामले में कुछ ऐसा हुआ है जो छिपाया जा रहा है। इस तरह के मामले की जांच होनी चाहिए। मंत्री कह रहे हैं कि हम कदम उठा रहे हैं, लेकिन लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि कुछ अंदर दिक्कतें चल रही हैं, जिसकी वजह से यह समस्या हुई है। इसकी जांच होनी चाहिए और डीजीसीए की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। सरकार की अच्छी पॉलिसी होनी चाहिए और सरकार को भी इस पर नियंत्रण रखना होगा।

कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल का कहना है कि क्या पूरी गलती सिर्फ इंडिगो की है? सरकार की तरफ से कोई गड़बड़ी नहीं हुई होगी? सरकार ने जो रेगुलेशन लागू किया है, क्या उसमें कोई खामी थी? अचानक सब ठप कैसे हो सकता है? ऐसा सुनने में आया है कि सरकार ने रेगुलेशन वापस ले लिया है।

उन्होंने कहा कि एविएशन के सेक्टर में रिसर्च करके कमर्शियल एयरलाइन को सफल कैसे बनाया जा सकता है, इस पर कदम उठाना चाहिए। इतनी एयरलाइन्स अब तक बंद हो चुकी हैं क्योंकि वे इसे मेंटेन नहीं कर पाईं। एक तरफ आप किराए को कम रखने की बात करते हैं और दूसरी तरफ एयरलाइन टर्बाइन फ्यूल के दाम दुनिया में सबसे अधिक रखते हैं। आपको इसका ध्यान रखना होगा।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि इंडिगो के हालात पर पिछले दो दिनों में राज्यसभा और लोकसभा में सरकार का बयान आया है। इसकी पूरी जिम्मेदारी एक निजी कंपनी के मालिक की है। ऐसा लग रहा है कि सरकार की कोई जिम्मेदारी और डीजीसीए की कोई भूमिका ही नहीं है।

उन्होंने कहा कि हजारों यात्री परेशान हुए और उन्हें बुरी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। इस बीच पायलट को लेकर सरकार जो कानून लाई, उसे भी बदल दिया गया। न पायलट को राहत, न ग्राहक को राहत, न सरकार की तरफ से कोई जिम्मेदारी, बस कंपनी के मालिक को एक नोटिस दे दिया गया। सरकार समझती है कि उनकी जिम्मेदारी बस इतनी ही है।

उन्होंने कहा कि जब लोकसभा में मंत्री ने बयान दिया तो पूरा विपक्ष इससे असहमत था और इसलिए हमने वॉकआउट किया। हमारी मांग स्पष्ट है कि सरकार सिर्फ मंत्री के बयान से भाग नहीं सकती, इस पर चर्चा होनी चाहिए। यह मामला सिर्फ एक हफ्ते में फ्लाइट्स के कैंसिल होने का नहीं है बल्कि इसके पीछे एक बड़ी कहानी है।

गौरव गोगोई ने कहा कि सदन के अंदर एविएशन इंडस्ट्री पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई जहाज से उड़ेंगे, लेकिन कहां? न चप्पल पहनने वाला उड़ पाया और न ही शूज पहनने वाला। यह जो स्थिति हुई है, इस पर सदन के अंदर चर्चा होनी चाहिए।

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