इंडिगो विवाद पर कांग्रेस का हमला: गौरव गोगोई बोले– पर्दाफाश जरूरी है

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इंडिगो मामले में केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सिर्फ मंत्री के बयान देने से सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती है;

Update: 2025-12-10 02:45 GMT

हजारों फ्लाइट कैंसिल, यात्रियों की दुर्दशा– सरकार पर विपक्ष का वार

  • गौरव गोगोई का आरोप– सरकार जिम्मेदारी से भाग रही है, इंडिगो पर सारा बोझ
  • एविएशन इंडस्ट्री पर चर्चा की मांग, कांग्रेस ने सरकार को घेरा
  • इंडिगो विवाद गरमाया, विपक्ष बोला– सरकार ने रेगुलेशन पर यू-टर्न लिया

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार को इंडिगो मामले में केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सिर्फ मंत्री के बयान देने से सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती है। इसके पीछे की कहानी जो भी है उसका पर्दाफाश होना चाहिए और सदन में इस पर चर्चा जरूरी है।

कांग्रेस सांसद ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पिछले दो दिनों में सरकार की ओर से राज्यसभा और लोकसभा में बयान दिए गए हैं। सरकार ने पूरी जिम्मेदारी निजी कंपनी के मालिक पर डाल दी है, मानो उसकी खुद कोई जिम्मेदारी ही नहीं है। ऐसा लगता है जैसे रेगुलेटर डीजीसीए की कोई भूमिका ही नहीं है। हजारों फ्लाइट्स कैंसिल हुईं, हजारों यात्रियों को एयरपोर्ट पर बेहद खराब हालात में रहना पड़ा और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। पायलटों की सुविधा के लिए जो नया कानून लाया गया था, उसे सरकार ने यू-टर्न लेते हुए वापस ले लिया। न पायलटों को राहत मिली, न यात्रियों को राहत मिली और न ही सरकार ने अपनी जिम्मेदारी स्वीकारी। कंपनी मालिक को बस एक नोटिस थमा दिया। सरकार यही समझती है कि उसकी जिम्मेदारी खत्म हो गई।

उन्होंने कहा कि लोकसभा में जब मंत्री का बयान आया तो पूरा विपक्ष असहमत था, इसलिए वॉकआउट किया। हमारी मांग स्पष्ट है कि सरकार इस पूरे विषय से भाग नहीं सकती। मंत्री के बयान से वह जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। एक सप्ताह में कितनी फ्लाइट्स कैंसिल हुईं, यह सिर्फ आंकड़ा नहीं है, इसके पीछे की पूरी कहानी का पर्दाफाश होना चाहिए। एविएशन इंडस्ट्री पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए। सरकार कहती है कि एविएशन मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन तेजी से बढ़ते मार्केट का क्या फायदा जब एयरपोर्ट की चाय 200 रुपए की हो, टिकट 20-25 हजार रुपए का हो, पायलटों और ग्राउंड स्टाफ की हालत खराब हो और पूरी इंडस्ट्री दो निजी कंपनियों के हाथ की कठपुतली बन गई हो।

सांसद फौजिया खान ने कहा कि वे नोटिस तो जरूर भेजेंगे, लेकिन क्या सारी गलती सिर्फ इंडिगो की है? सरकार की कोई गलती नहीं है? सरकार ने जो रेगुलेशन लागू किए थे, क्या वे गड़बड़ नहीं थे? अचानक पूरी व्यवस्था कैसे ठप हो गई? जो रेगुलेशन वापस ले लिया गया है, उसकी सच्चाई क्या है?

वहीं, वंदे मातरम को लेकर कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि फर्जी दस्तावेजों को लेकर जो मर्जी बोलिए, कौन मानने वाला है? इतिहास गवाह है कि पंडित नेहरू ने क्या-क्या किया। ‘वंदे मातरम’ का जिक्र आज कौन कर रहा है? आजादी की लड़ाई के वक्त ये लोग कहां थे?

सोनिया गांधी को नोटिस जारी करने पर कांग्रेस नेता किरण कुमार चमाला ने कहा कि वे बार-बार सोनिया गांधी और उनके परिवार को निशाना बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चुनाव सुधारों पर चर्चा आखिरकार दो सत्रों की मांग के बाद हुई। हमारे नेता बता रहे हैं कि बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल आदि राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया कैसे चल रही है। एसआईआर के प्रावधान सीमित हैं और इसे सिर्फ जरूरत पड़ने पर लागू करना चाहिए, लेकिन कुछ वोटों के फायदे के लिए पूरे राज्य में इसका दुरुपयोग किया जा रहा है।

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