मनरेगा का नाम बदलना देश का दुर्भाग्य : पुष्पेंद्र सरोज
मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत-जी राम जी' करने को लेकर विपक्ष हमलावर है;
सरकार पर एजेंडा थोपने का आरोप, विपक्ष हमलावर
- महात्मा गांधी का नाम हटाने पर सियासी संग्राम तेज
- कल्याण बनर्जी बोले – भाजपा को गांधी भी पसंद नहीं
- संसद में ‘विकसित भारत-जी राम जी’ बिल पर जोरदार बहस
नई दिल्ली। मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत-जी राम जी' करने को लेकर विपक्ष हमलावर है। विपक्षी सांसदों ने सरकार पर जानबूझकर योजना का नाम बदलने और महात्मा गांधी से नफरत करने का गंभीर आरोप लगाया। इस बीच समाजवादी पार्टी के सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
समाजवादी पार्टी के सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने कहा, "संविधान के कानून के तहत अगर कोई बिल सामने आता है तो पब्लिक को बताना चाहिए कि वह किस सुविधा के लिए लाया जा रहा है। जैसे मनरेगा रोजगार देने का एक मिशन था। कई ऐसे बिल हैं, जिनका नाम बदला जा रहा है। मुझे लगता है कि यह देश का दुर्भाग्य है कि अपने एजेंडे को थोपने के लिए ऐसा किया जा रहा है। उन्हें महात्मा गांधी से भी इतनी नफरत हो गई कि उनका नाम बदल रहे हैं। कहीं न कहीं अब उनके मंसूबे देश की जनता के सामने साफ हो रहे हैं।"
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने भाजपा पर महात्मा गांधी को पसंद नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "पहले हमें शक था कि प्रधानमंत्री मोदी को नेहरू, राजीव गांधी या इंदिरा गांधी पसंद नहीं हैं, लेकिन आज हमें पता चला कि उन्हें महात्मा गांधी भी पसंद नहीं हैं।"
उन्होंने कहा, "जब मैं पहली बार सांसद बनने के बाद यहां आया था, तो इस योजना को 'नरेगा' कहा जाता था। बाद में, मनमोहन सिंह के समय में, महात्मा गांधी की याद में इसका नाम बदलकर 'मनरेगा' कर दिया गया। इसका मकसद गरीब और गांव वालों को रोजगार देना था। यह योजना सालों से चली आ रही है। अब सरकार ने महात्मा गांधी का नाम हटा दिया है। उनका ऐसा करना हमारे समझ से परे है। गांधी का नाम क्यों हटाया गया? हर जगह महात्मा गांधी का नाम होना हम सभी को अच्छा लगता है। पूरी दुनिया महात्मा गांधी को पहचानती है।"
बता दें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)' यानी विकसित भारत-जी राम जी करने से जुड़े बिल पर संसद में जोरदार बहस देखने को मिली। बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने इसका कड़ा विरोध किया।