भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया, ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल का स्वागत

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।;

Update: 2025-11-18 17:35 GMT


नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ मुख्यालय ने ऑस्ट्रेलियाई कमांड एंड स्टाफ कॉलेज के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल मैथ्यू क्लिसोल्ड कर रहे हैं। ये अधिकारी क्षमता प्रबंधन कोर्स के लिए भारत आए हैं।

एक सप्ताह की इस यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलियाई अफसर भारतीय सैन्य अकादमियों, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों और निजी रक्षा कंपनियों से मिलेंगे। वे भारत की रक्षा नीतियों, हथियार निर्माण और तकनीकी प्रगति को करीब से समझेंगे। इसका मकसद दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करना है।

इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी ने प्रतिनिधिमंडल को भारत के सामरिक नजरिए और सुरक्षा चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। दोनों देशों के बीच रक्षा समझ को और मजबूत करने पर खास जोर दिया गया। चर्चा में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने जैसे मुद्दे भी शामिल रहे।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पिछले कुछ सालों में रक्षा संबंध तेजी से बढ़े हैं। दोनों देश क्वाड का हिस्सा हैं और लगातार संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। हाल ही में दोनों नौसेनाओं ने मिलकर बड़ा युद्धाभ्यास किया था। अब यह अधिकारियों का दौरा दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को और बढ़ाने वाला साबित होगा।

ऑस्ट्रेलियाई अफसरों ने भारतीय सेना की कार्यशैली और आत्मनिर्भर भारत अभियान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत का तेजी से बढ़ता रक्षा उद्योग उनके लिए भी सीखने का बड़ा मौका है। इस यात्रा से दोनों देशों के सैन्य अफसर एक-दूसरे की रणनीति और तकनीक को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।

रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, ऐसे दौरों से न सिर्फ तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान होता है, बल्कि दोनों देशों के बीच दोस्ती और भरोसा भी बढ़ता है। आने वाले दिनों में भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग और मजबूत होने की पूरी उम्मीद है।


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