भाजपा पर वोट कटवाने का आरोप, चुनाव आयोग की भूमिका पर भी उठे सवाल : सौरभ भारद्वाज

आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं;

Update: 2025-09-20 00:10 GMT

वोट कटौती पर आप का आरोप, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल

  • सौरभ भारद्वाज का दावा-भाजपा और चुनाव आयोग ने मिलकर लोकतंत्र को लूटा
  • दिल्ली चुनाव में वोट डिलीटिंग का आरोप, आप ने उठाए गंभीर सवाल
  • आप का हमला-वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, आयोग ने नहीं की कार्रवाई

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2025 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सुव्यवस्थित षड्यंत्र के तहत हजारों आप समर्थकों के वोट कटवाए। उन्होंने इसे लोकतंत्र की सीधी लूट करार देते हुए कहा कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की।

सौरभ भारद्वाज ने खुलासा किया कि फरवरी 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान नई दिल्ली और शाहदरा विधानसभाओं में बड़ी संख्या में वोट कटवाने की शिकायतें आई थीं। उन्होंने बताया कि 29 अक्टूबर 2024 से 15 दिसंबर 2024 तक सिर्फ नई दिल्ली विधानसभा में ही 6166 वोट काटने की अर्जियां दी गईं। वहीं, 2020 में जहां विधानसभा क्षेत्र में 1,46,000 वोट थे, वहीं अक्टूबर 2024 की समरी लिस्ट में यह संख्या घटकर 1,04,000 रह गई। यानी 42,000 वोट पहले ही लिस्ट से हटाए जा चुके थे।

उन्होंने कई उदाहरण देते हुए बताया कि तरुण कुमार चौटाला, उषा देवी, सुनीता देवी और अन्य लोगों के नाम पर वोट कटवाने की दर्जनों अर्जियां दाखिल की गईं, जबकि संबंधित लोगों ने ऐसी किसी भी अर्जी से साफ इनकार किया।

भारद्वाज ने कहा कि यह फर्जीवाड़ा सीधे तौर पर लोगों के मतदान के अधिकार का हनन है और कानूनन अपराध है। उन्होंने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री आतिशी ने 5 जनवरी 2025 को मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। इसके बाद 8 और 9 जनवरी को भी उन्होंने पत्र भेजे, वहीं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी चुनाव आयोग को शिकायत दी थी। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई।

भारद्वाज ने आरोप लगाया कि न तो उस समय के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और न ही वर्तमान चुनाव आयुक्त ज्ञानेंद्र कुमार ने इस पर जवाब दिया। आरटीआई से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि जब पार्टी ने आयोग से जानकारी मांगी तो उसे ‘व्यक्तिगत जानकारी’ बताकर टाल दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर इतने बड़े पैमाने पर वोट काटने की साजिश हो रही है और चुनाव आयोग इसे व्यक्तिगत मामला बताकर छुपा रहा है तो लोकतंत्र की रक्षा कैसे होगी?

सौरभ भारद्वाज ने यह भी कहा कि आज चुनाव आयोग विपक्ष के नेताओं को ट्रोल करने के लिए भाजपा की ट्रोल आर्मी की मदद कर रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि जब राहुल गांधी ने वोट डिलीट करने के लिए ऑनलाइन अर्जियों की बात कही तो चुनाव आयोग ने इस तथ्य से इनकार कर दिया, जबकि उनकी वेबसाइट पर यह सुविधा उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि आज आम जनता को लगता है कि सरकार उनके वोट से बनती है, लेकिन असलियत यह है कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर सरकार बना रहे हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया।

 

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