जम्मू-कश्मीर में खनिज सुधार की नई शुरुआत, आज होगी पहली नीलामी
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चूना पत्थर खनिज ब्लॉकों की पहली नीलामी सोमवार को शुरू की जाएगी;
अनंतनाग, राजौरी और पुंछ में सात लाइमस्टोन ब्लॉक नीलामी के लिए तैयार
- जी. किशन रेड्डी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में खनिज ब्लॉकों की ऐतिहासिक नीलामी
- पारदर्शिता और विकास की ओर कदम, जम्मू-कश्मीर में पहली माइनिंग ब्लॉक ऑक्शन
- रोजगार और इंडस्ट्रियल विस्तार की उम्मीदों के साथ शुरू होगी लाइमस्टोन ब्लॉकों की नीलामी
नई दिल्ली। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चूना पत्थर खनिज ब्लॉकों की पहली नीलामी सोमवार को शुरू की जाएगी। खनन मंत्रालय ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
नीलामी का नेतृत्व केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी करेंगे और इसमें मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी भी शामिल होंगे। यह नीलामी केंद्र-राज्य की मजबूत पार्टनरशिप और इस इलाके के लिए इस पहल की रणनीतिक अहमियत को दिखाता है।
यह 2015 में माइंस एंड मिनरल्स (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट के तहत शुरू किए गए माइनिंग सुधारों को आगे बढ़ाने में एक अहम कदम है।
मंत्रालय ने कहा कि इन सुधारों के बाद यह केंद्र शासित प्रदेश में होने वाला पहला माइनिंग ब्लॉक ऑक्शन भी है, जो मिनरल सेक्टर में पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा और सतत विकास की ओर बदलाव का संकेत देता है।
अनंतनाग, राजौरी और पुंछ जिलों में लगभग 314 हेक्टेयर में फैले कुल सात लाइमस्टोन ब्लॉक की पहचान की गई है।
यूएनएफसी जी-3 और जी-4 एक्सप्लोरेशन स्टेज में आने वाले इन डिपॉजिट में उच्च गुणवत्ता वाले लाइमस्टोन के लिए काफी संभावना है। यह सीमेंट बनाने, कंस्ट्रक्शन और दूसरे इंडस्ट्रियल इस्तेमाल के लिए जरूरी है।
यह नीलामी एमएमडीआर अधिनियम की धारा 11 की उपधारा (4) और (5) के तहत आयोजित की जाएगी, जिससे केंद्र सरकार उन मामलों में प्रक्रिया को सुविधाजनक बना सकेगी जहां राज्य या केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को प्रक्रियात्मक सीमाओं का सामना करना पड़ता है।
यह तरीका कोऑपरेटिव फेडरलिज्म के सिद्धांतों को दिखाता है, जिससे समय पर लागू करना और सुधार लागू करना पक्का होता है।
मंत्रालय ने कहा, "इस पहल से नौकरियां पैदा होने, रेवेन्यू बढ़ने, इंडस्ट्रियल विस्तार और स्थानीय समुदायों के लिए नए आर्थिक मौके मिलने की उम्मीद है। इससे जम्मू-कश्मीर के विकास की रफ्तार बढ़ेगी और विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय विजन में योगदान मिलेगा।"