दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था चरमराई 

देश की राजधानी में शिक्षा को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे दावों को खोखला बताते हुए प्रदेश भाजपा ने सरकार के दावों पर सवाल उड़े किए हैं;

Update: 2019-06-17 02:07 GMT

नई दिल्ली। देश की राजधानी में शिक्षा को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे दावों को खोखला बताते हुए प्रदेश भाजपा ने सरकार के दावों पर सवाल उड़े किए हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था चरमरा उठी है और मुख्यमंत्री केजरीवाल इसके जिम्मेदार हैं। उनका कहना है कि केजरीवाल की जब कोई तारीफ नहीं करता है तो वो अपनी तारीफ खुद भी कर लेते हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और होती है। तिवारी का कहना है कि शिक्षा को लेकर बड़े बड़े कसीदे पढऩे वाले मुख्यमंत्री दिल्ली के लोगों को क्या यह बताएंगे कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने जो नए 500 स्कूल और 20 नए कॉलेज खोलने की बात कहीं थी वो कहा बन रहे हैं। 

दिल्ली सरकार के पास स्कूलों के निर्माण के लिए 82 प्लाट खाली पड़े हैं लेकिन एक भी प्लाट पर नया स्कूल खोलने का काम  नहीं किया है।  दिल्ली के लोगों से किए वादे के अनुसार केजरीवाल को स्कूल बनाने चाहिए थे लेकिन आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में आप सरकार ने साढ़े चार वर्ष निकाल दिए। झूठ बोलने की एक सीमा होती है और उस सीमा को केजरीवाल पार कर दिल्ली के लोगों को गुमराह करने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रहे हैं।

तिवारी ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने का दावा कर रही आम आदमी पार्टी के दावे से इतर पार्टी के विधायकों का शिक्षा स्तर में बढ़ोतरी के प्रति कोई रुझान नजर नहीं रहा है। गैर सरकारी संगठन प्रजा डॉट ओआरजी के अनुसार वर्ष 2015 में आयोजित हुए सभी विधानसभा सत्रों में शिक्षा से जुड़े मात्र 87 सवाल पूछे गए थे। 

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