नीट में ओबीसी आरक्षण के लिए प्रधानमंत्री से मिला सांसदों का प्रतिनिधिमंडल

नीट यूजी और पीजी के तहत अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण बहाल करने की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में ओबीसी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने मोदी से भेंट की;

Update: 2021-07-29 00:38 GMT

नई दिल्ली। नीट यूजी और पीजी के तहत अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण बहाल करने की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में ओबीसी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की। सांसदों ने एनईईटी के तहत तय अखिल भारतीय कोटे में एमबीबीएस व एमडी-एमएस पाठ्यक्रमों के लिए ओबीसी और ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों के लिए तय आरक्षण की व्यवस्था को ठीक ढंग से लागू कराने की मांग की। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि आजादी के लंबे समय बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में एक ऐसी सरकार चल रही है, जिसने सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े, दलित, अनुसूचित जनजाति तथा आर्थिक तौर पर कमजोर तबके के उत्थान के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम किया है। दशकों से लंबित ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने का काम भी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस सरकार ने किया है। आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) को सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय करके मोदी सरकार ने सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक विकास में समाज के हर वर्ग की भागीदारी को सुनिश्चित करने का काम किया है।

सांसदों ने प्रधानमंत्री से कहा कि एनईईटी के प्रावधानों के अनुसार राज्यों के सरकारी कॉलेजों व प्राइवेट मेडिकल तथा डेंटल कॉलेजों को कुल सीटों की संख्या में से स्नातक (एमबीबीएस) पाठ्यक्रमों के लिए 15 प्रतिशत तथा परास्नातक (एमडी-एमएस) पाठ्यक्रमों के लिए 50 प्रतिशत सीटें अखिल भारतीय कोटे में खाली रखना आवश्यक है, जिससे देश के किसी भी हिस्से के अभ्यर्थी संविधान सम्मत व्यवस्था से मिले आरक्षण के प्रावधानों के अनुरूप इसका लाभ उठा सकें।
 

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