मप्र में मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे में हो रही देरी

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ और मंत्रियों ने शपथ ले ली है, मगर मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा अभी नहीं हो पाया है;

Update: 2018-12-27 22:21 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ और मंत्रियों ने शपथ ले ली है, मगर मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा अभी नहीं हो पाया है। इससे कांग्रेस के भीतर चल रहे विवाद की चर्चाएं हर तरफ हैं। राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर कमलनाथ ने 17 दिसंबर को शपथ ली थी। मंत्रियों का शपथ ग्रहण 24 दिसंबर को हो पाया था। 28 मंत्रियों के शपथ लिए तीन दिन बीत गए, मगर विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है। 

राजनीति के गलियारों में जो चर्चाएं सामने आ रही हैं, वे कांग्रेस में 'सब कुछ सामान्य न होने' की ओर इशारा कर रही हैं। मंत्रिमंडल की बैठकों का दौर जारी है, अनौपचारिक बैठक कांग्रेस कार्यालय में हुई, उसके बाद मंत्रालय में बैठक हुई।

राजनीति के जानकारों का कहना है कि आम तौर पर कैबिनेट की पहली ही बैठक के समय मंत्रियों को उनके विभाग बता दिए जाते हैं, मगर अरसे बाद ऐसा हो रहा है कि एक नहीं, कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन विभागों का वितरण नहीं हो पाया है।

पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर विभागों के बंटवारे को लेकर सामने आने लगी हैं। बड़े नेता अपने-अपने समर्थक को प्रमुख विभाग दिलाना चाह रहे हैं, जबकि पार्टी हाईकमान तक मुख्यमंत्री की सूची पहले ही पहुंच चुकी है और इस पर मुहर भी लग चुकी है, मगर राज्य के कई नेता दबाव की राजनीति अपना रहे हैं, इसी के चलते सूची जारी नहीं हो पा रही है।

सोशल मीडिया पर लगातार मंत्रियों के नाम के साथ विभाग की अनुमानित सूचियां वायरल हो रही हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा इन सूचियों को फर्जी बता रहे हैं। 

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