शत्रु संपत्ति पर सीआरपीएफ ने लगाया कैंप

200 करोड़ की है जमीन, यहां बनी इमारतों को तोड़ने के लिए प्राधिकरण को भेजी रिपोर्ट;

Update: 2022-11-17 19:57 GMT

नोएडा। बरौला गांव में 200 करोड़ से अधिक कीमत की शत्रु संपत्ति को कब्जे में लेने के लिए जिला प्रशासन ने कार्यवाही शुरू कर दी है। पहले इस जमीन की तारबंदी की गई अब यहां कोई अवैध कब्जा या निर्माण न किया जा सके इसके लिए सीआरपीएफ ने यहां अपना कैंप लगा लिया है।

एसडीएम दादरी आलोक गुप्ता ने बताया कि यहां पर 33 हजार वर्ग मीटर जमीन शत्रु संपत्ति की जमीन है। इसकी तारबंदी कराकर यह जमीन जिला प्रशासन द्वारा गृह मंत्रालय के सुपुर्द की जाएगी। गृह मंत्रालय ने ही जमीन को अपने कब्जे में लेने से पहले इसकी तारबंदी कराने के लिए कहा था।

जिला प्रशासन ने यहां एक चेतावनी बोर्ड भी लगाया है। जिसमे स्पष्ट लिखा है कि ये भूमि ग्राम बरौला खसरा संख्या 781,782,783,1131,1132,1133 और 1134 शत्रु संपंत्ति है। यै जमीन गृह मंत्रालय की हे। इस पर किसी प्रकार का निर्माण किया जाता है जो निर्माणकर्ता पर कार्यवाही की जाएगी।

इमारतों को ध्वस्त करने के लिए प्राधिकरण को भेजी रिपोर्ट
एसडीएम दादरी ने बताया कि शत्रु संपत्ति की इस जमीन पर तीन बिल्डिंग, कुछ दुकानें, एक शॉपिंग मॉल और बैंकट हॉल अवैध रूप से बना है। इनके संबंध में प्राधिकरण उन्हें रिपोर्ट दे चुका है कि इसमें से किसी का भी नक्शा स्वीकृत नहीं है और यह अवैध रूप से बनी हैं। इन इमारतों को ध्वस्त करने के लिए प्राधिकरण को पत्र लिखा जा चुका है और अब उनका ध्वस्तीकरण प्राधिकरण के द्वारा किया जाना है।

ये है शत्रु संपत्ति
आजादी के दौरान बंटवारे में हिंदुस्तान से जो लोग पाकिस्तान चले गए उनकी भू संपत्ति जो भारत में रह गई उसे शत्रु संपत्ति कहा जाता है। इस संपत्ति का मालिक गृह मंत्रालय होता है। ये संपत्ति सरकारी कार्य में और पाकिस्तान में अपनी संपत्ति छोड़ कर भारत आए हिंदुओं में आवंटित करने के लिए उपयोग में लाई जाती है।

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