जमीन अनुपलब्धता के कारण नहीं हो पा रहा पटना मेट्रो के डिपो का निर्माण

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कहा कि टेंडर हो जाने के बावजूद पटना मेट्रो के डिपो का निर्माण कार्य 20 हेक्टेयर जमीन की अनुपलब्धता के कारण प्रारम्भ नहीं हो पा रहा;

Update: 2021-07-09 22:52 GMT

पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कहा कि टेंडर हो जाने के बावजूद पटना मेट्रो के डिपो का निर्माण कार्य 20 हेक्टेयर जमीन की अनुपलब्धता के कारण प्रारम्भ नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि जमीन मिलने के बाद डिपो का निर्माण तत्काल प्रारंभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 फरवरी, 2019 को पटना मेट्रो का शिलान्यास किया गया था।

मोदील शुक्रवार को नई दिल्ली में पटना मेट्रो रेल का निर्माण करा रहे दिल्ली मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के एमडी मंगू सिंह और डायरेक्टर दलजीत सिंह से मुलाकात की। मुलाकात के बाद मोदी ने कहा कि टेंडर हो जाने के बावजूद पटना मेट्रो के डिपो का निर्माण कार्य 20 हेक्टेयर जमीन की अनुपलब्धता के कारण प्रारम्भ नहीं हो पा रहा है।

उन्होंने कहा कि शिलान्यास के बाद अभी तक पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की भौतिक प्रगति 1 और वित्तीय उपलब्धि मात्र 3.1 प्रतिशत है।

पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के डिपो ( रेल इंजन व कोच के रख-रखाव तथा मरम्मत की जगह) के निर्माण के लिए 20 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है, जिसके अधिग्रहण पर राज्य सरकार को करीब एक हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। डिपो निर्माण के लिए टेंडर हो चुका है, जमीन उपलब्ध होते ही निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि 13,365.77 करोड़ रुपये की लागत वाली 32.487 किलोमीटर लम्बी पटना मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण दो कॉरिडोर में होना है। पहला कॉरिडोर 17.933 किलोमीटर और दूसरा 14.554 किलोमीटर का क्रमश: दानापुर से मीठापुर और पटना रेलवे स्टेशन से आईएसबीटी होगा। इसके लिए जापान सरकार से 5520.93 करोड़ रुपये का ऋण भी लिया जाना है।

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