बिहार में पुराने नेताओं को गले लगाएगी कांग्रेस

बिहार में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अब संगठन को और मजबूत करने में जुटी है। कांग्रेस ने अपने पुराने नेताओं को फिर से गले लगाने का मन बनाया है।;

Update: 2019-11-04 15:06 GMT

पटना । बिहार में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अब संगठन को और मजबूत करने में जुटी है। कांग्रेस ने अपने पुराने नेताओं को फिर से गले लगाने का मन बनाया है। ऐसे में कहा जा रहा है कि कांग्रेस बगावत करने वाले अपने पुराने नेताओं को राहत दे सकती है। कांग्रेस की बिहार इकाई का अध्यक्ष बनने के बाद से ही मदन मोहन झा पार्टी नेताओं में कटुता दूर करने की कोशिश में जुटे रहे हैं। झा का कहना है कि आखिर पुराने दोस्त भी उनके अपने हैं। उन्होंने कहा कि कई निलंबित नेता अभी भी पार्टी के लिए ही काम कर रहे हैं।

कांग्रेस के एक नेता के अनुसार, पार्टी अपने पुराने बिछड़े नेताओं को फिर से पार्टी में वापस लाकर कांग्रेस को मजबूत करने में जुटी है। इस सूची में कई ऐसे नेता शामिल है, जिन्हें पार्टी निलंबित कर चुकी है परंतु उन्हें अब तक पार्टी से निष्कासित नहीं किया गया है।

वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में तथा लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के प्रत्याशियों के खिलाफ काम करने के आरोप में कई नेताओं की शिकायतें कांग्रेस को मिली थीं, जिसके बाद यह मामला अनुशासन समिति को भेज दिया गया था। हालांकि समिति द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया था।

इस बीच 2019 में कांग्रेस महासचिव डॉ. शकील अहमद और विधायक भावना झा को पार्टी विरोधी कार्य करने के आरोप में पार्टी से निलंबित भी कर दिया गया था।

इस निलंबन के बाद अहमद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। अब माना जा रहा है कि कांग्रेस जल्द ही इन दोनों का निलंबन वापस ले सकती है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि ये दोनों नेता कांग्रेस के लिए लगातार काम भी कर रहे हैं।

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