कांग्रेस दोफाड़, खुलकर आए माकन विरोधी, पर्वतीय प्रवासियों ने भी लगाया अनदेखी का आरोप

दिल्ली नगर निगम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में खेमेबंदी खुलकर सामने आ गई है;

Update: 2017-04-06 12:38 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में खेमेबंदी खुलकर सामने आ गई है और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित व उनकी सरकार में मंत्री रहे नेता भी विरोध में प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के इस्तीफे की मांग पर जोर देने लगे हैं। पूर्व श्रम मंत्री मंगतराम सिंघल ने जोर देकर कहा कि यदि परिणाम कांग्रेस के हक में नहीं आते हैं तो इसकी जिम्मेदारी तय हो और प्रदेश अध्यक्ष इस्तीफा दें। 

श्री सिंघल ने कहा कि टिकट वितरण में अनियमितताएं बरती गई हैं और वरिष्ठ नेताओं, पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों से राय मशविरा किए बिना मनमर्जी ढ़ंग से दिल्ली से बाहर के लोगों को बुलाकर चुनाव में उतार दिया गया है। इससे पार्टी को नुकसान हो रहा है और परिणाम अपेक्षित आएंगे इसे लेकर जनता में भ्रम होने लगा हैं। 

विरोधी खेमे ने राज्यसभा सांसद परवेज हाशमी के आवास पर कल प्रेस वार्ता कर कई गंभीर आरोप लगाए और इसमें खेमे में पूर्व नेता सदन जितेंद्र कोचर, पूर्व विधायक राजेश लिलौठिया, पूर्व महिला मोर्चा प्रमुख ओनिका मल्होत्रा व सुखबीर शर्मा आदि मौजूद थे। दूसरी ओर पर्वतीय कांग्रेस ने भी अजय माकन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 

दिल्ली में रहने वाले पहाड़ी प्रवासियों ने कहा कि टिकट वितरण में उत्तराखंड के लोगों को नजरअंदाज किया गया है। पर्वतीय कांग्रेस के ब्रज मोहन उप्रेती ने कहा कि लंबे समय से काम कर रहे उत्तराखंडी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर उन वार्डों में भी हमें महत्व नहीं दिया गया जहां पर्वतीय लोगों की अच्छी तादाद है। 
उन्होने कहा कि दिल्ली में उत्तराखंड के करीब 25 से 30 लाख लोग रहते हैं लेकिन कांग्रेस में प्रतिनिधित्व के  नाम पर कुछ नहीं मिला।

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