कांग्रेस को मंत्र की तरह जपना चाहिए ‘संविधान बचाओ’: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस एवं विपक्षी दलों के संविधान को बचाने की दुहाई दिये जाने पर आज तीखा कटाक्ष किया;
नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस एवं विपक्षी दलों के संविधान को बचाने की दुहाई दिये जाने पर आज तीखा कटाक्ष किया और कहा कि आपातकाल से लेकर अपने पूरे शासनकाल के दौरान मनमाफिक ढंग से संविधान को दर्जनों बार बदलने वालों के लिए ‘संविधान बचाओ’ एक मंत्र होना चाहिए।
मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर का उल्लेख किया और कहा कि आजकल नारे सुनायी दे रहे हैं कि ‘संविधान बचाओ’। वह भी मानते हैं कि कांग्रेस के लिए यह मंत्र होना चाहिये और उसे दिन में सौ बार बोलना चाहिए ‘संविधान बचाओ’।
उन्होंने कहा कि संविधान बचाओ का मंत्र जपते-जपते हो सकता है कि उसे अपनी गलतियों का भी अहसास हाे जाये जो उसने अपने शासनकाल में की और संविधान बचाये रखने की अहमियत भी समझ में आ जाये। उन्होंने पूछा कि आपातकाल में कांग्रेस को संविधान बचाओ का नारा याद क्यों नहीं आया था। सर्वोच्च अदालत से न्यायिक समीक्षा का अधिकार छीनते वक्त क्यों यह मंत्र ध्यान में नहीं आया। संविधान में सर्वाधिक बदलाव करने और दर्जनों बार चुनी हुई सरकारें बर्खास्त करने पर यह बात याद नहीं आयी।
मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिन्होंने केन्द्रीय मंत्रिमंडल से पारित प्रस्ताव को प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाड़ दिया, उनकाे ‘संविधान बचाओ’ का मंत्र बोलना चाहिए। प्रधानमंत्री एवं प्रधानमंत्री कार्यालय के ऊपर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) के नाम पर रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने वालों को संविधान का महाम्त्य समझना चाहिए।
उन्होंने कहा, “संविधान की इस वकालत को दिल्ली एवं देश देख और समझ रहा है। उसकी चुप्पी कभी न कभी रंग ज़रूर लायेगी।”
उन्होंने शाहीन बाग का नाम लिये बिना कहा कि उच्चतम न्यायालय ने बार-बार कहा है कि आंदोलन ऐसे करो कि आम आदमी को तकलीफ नहीं हो। लेकिन संविधान की दुहाई देने वाले यही कांग्रेसी, वामपंथी वहाँ जा-जाकर लोगों को उकसा रहे हैं, भड़का रहे हैं।