ऊंची जाति के गरीबों को कांग्रेस ने केवल आश्वासन दिया : जेटली

गरीबी आधारित आरक्षण को बढ़ावा देने के एजेंडे को लागू करने के प्रधानमंत्री के निर्णय को सबसे बड़ा गरीब समर्थक कदम बताते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर आरोप लगाया;

Update: 2019-01-11 22:38 GMT

नई दिल्ली। गरीबी आधारित आरक्षण को बढ़ावा देने के एजेंडे को लागू करने के प्रधानमंत्री के निर्णय को सबसे बड़ा गरीब समर्थक कदम बताते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने ऊंची जातियों के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण से संबंधित विधेयक का समर्थन अनिच्छा कर रही है। जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, "गरीबी आधारित आरक्षण के एजेंडा को मजबूत करने का प्रधानमंत्री का फैसला सामान्य श्रेणी के गरीबों के लिए अबतक का सबसे बड़ा कदम है और गरीबी को हटाने की जरूरत है।"

उन्होंने कहा, "प्रमुख विपक्षी दल खाली मुंह से इसका समर्थन कर रही है, जबकि वास्तव में वह इसमें पेंच पैदा करने की कोशिश कर रही है।"

मंत्री ने कहा कि 10 फीसदी आरक्षण का मापदंड गरीबी को बनाने से न तो संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन होगा और न ही यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित 50 फीसदी आरक्षण के ढांचे को प्रभावित करेगा।

उन्होंने कहा, "गरीबी हालांकि एक धर्मनिरपेक्ष मानदंड है। यह समुदायों और धर्मो से परे है। यह किसी भी प्रकार से संविधान के ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है।"

उन्होंने मोदी द्वारा उठाए गए कदम को गरीब हितैषी और मध्य वर्ग हितैषी करार दिया है। उन्होंने कहा कि गरीबों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने से उनकी खरीद क्षमता बढ़ेगी, जिसके बारे में उनका दावा है कि सरकार ने इसे प्राप्त कर लिया है।

उन्होंने कहा, "यह किसी सरकार का पहली बार पांच साल का कार्यकाल है, जब देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती रही है। इससे सभी को मदद मिली है, चाहे गरीब हो, मध्य वर्ग हो या व्यापारी समुदाय हो।"

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