ग्रेनो में 90 फीसदी बस स्टॉफ की हालत बदतर, कबाड़ में तब्दील

ग्रेटर नोएडा षहर की खूबसूरती पर काला धब्बा साबित हो रहे जर्जर बस स्टॉफ;

Update: 2023-01-03 03:56 GMT

ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट फरवरी में होने जा रहा है। विदेष के कई देशों में इसका लेकर अधिकारियों और मंत्रियों ने रोड शो किया। रोड शो में सबसे ज्यादा निवेश गौतमबुद्धनगर होने का अनुबंध हुआ है।

विदेशी निवेशक जब ग्रेटर नोएडा आएंगे तो षहर बेतरतबी इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर उन्हें भी सोचने को मजबूर कर देगा। किस शहर में निवेश कर रहा हे। जहां पर शहर का मूलभूत जरूरत परिवहन व्यवस्था होती है। परिवहन से जुड़ा बस शेल्टर है। बस शेल्टर की हालत बहुत ही दयनीय हे।

शहर में बने बस स्टॉप की जो तस्वीर है वह शहर की खूबसूरती व सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। यह कोई एक या दो तस्वीर नही है 90 फीसदी बस स्टॉप की यही तस्वीर है और यह तस्वीर कोई एक या दो दिन में नहीं बनी है यह तस्वीर सालों से बनी हुई है सालों पहले इनके टेंडर की भी घोषणा हुई लेकिन जमीन पर यह तस्वीर है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मुख्यकार्यपालक अधिकारी रितु महेष्वरी तीन-चार दिन पहले एक आदेश आया कि स्थापना दिवस से पहले सभी गोल चक्करो का सौन्दर्यकरण होगा लेकिन सीईओ बीच मे बस स्टॉप की यह तस्वीर भी होगी क्या गोलचक्कर इस तस्वीर के साथ सुंदरता का मैसेज दे पाएंगे ?

ऐसा भी नही है कि अधिकारियों को आते जाते यह तस्वीर दिखती न हो ।

अभी सिटी बस सेवा को लेकर खबर चर्चा में है जबकि सिटी बस सेवा की कोई आवश्यकता ग्रेटर नोएडा के शहरी क्षेत्र के लिए आवश्यक नहीं है, हा वर्तमान परिस्थिति में बदलाव की आवश्यकता है, बसों का संचालन 100 फीसदी कासना डिपो से हो और बसों का रूट सेक्टरों के मध्य से होकर गुजरे जैसे जो बस सेक्टर 37 नोएडा जाएगी वह डिपो से सेक्अर सिग्मा,36, पाई व नवादा गोलचक्कर से कॉमर्शियल बैल्ट होकर जाए ,जो बस मोरना डिपो होकर जाए वह इसी रूट से आगे गामा ,2 व गामा 1 से होकर गुजरे व 130 मीटर से भी बसों का संचालन हो और दूसरे शहरों से आने वाली बसे डिपो होकर गुजरे तो निश्चित ग्रेटर नोएडा की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था मजबूत हो लेकिन इस व्यवस्था को कोई अधिकारी ही ठीक कर सकता है न कि कोई नौकर क्योकि अधिकारी वो है जो आमजन व विवेक के अनुसार कार्य करे न कि सिर्फ और सिर्फ ऊपर के आदेशों का पालन करे ।

फेडरेषन ऑफ ग्रेटर नोएडा आरडब्ल्यूए महासचिव दीपक भाटी का कहना किसी शहर की ताकत व विकास उसकी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बताती है ।
ओर वह तीन प्रकार की मुख्यतः है एक हवाई जो जेवर में प्रस्तावित है जिसमे निरन्तर ग्रेटर नोएडा के विकास पर खर्च होने वाला पैसा जा रहा है लेकिन उम्मीद है।
दूसरी रेल की व्यवस्था जो ग्रेटर नोएडा में नहीं है जिसकी माँग दशकों से बोड़ाकी जंक्शन के रूप में है एक मेट्रो है जिसका रूठ ऐसा है कि आदमी उस स्थान पर ऑटो रिक्शा से जल्दी पहुँच जाए।

तीसरी बसों की व्यवस्था जिसके लिये यह तस्वीर काफी है खटर खटर करती एक्सपायरी की तरफ जाती कुछ पीली बसे दिख जाएगी।
क्या में अभी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का शहर कहूँ लेकिन मेरा शहर है इससे प्रेम है तो में तो अंतरराष्ट्रीय स्तर का शहर कहूँगा और आशा और उम्मीद करूँगा की जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों का ध्यान इस तरफ आकर्षित होगा ओर तस्वीर बदलेगी।

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